मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष या मंत्री सदन में बोलें, तो सदस्य शांत रहें : सभापति
पटना : विधान परिषद में शुक्रवार को नजारा बदला-बदला हुआ था. विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने गुरुवार की घटना पर खेद व्यक्त करते हुए विवाद समाप्त होने पर संतोष व्यक्त किया.उन्होंने कहा कि मैंने सदन की कार्यवाही का वीडिया फुटेज भी देखा था. उसमें पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा उकसानेवाली कोई बात सामने नहीं आयी. उनके ऊपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
सभापति ने कहा कि जब सदन में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष या कोई मंत्री अपनी बात कह रहे हों, तो बाकी के सदस्यों को चुप रहना चाहिए. हमें इस उच्च सदन की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए. यह हमारी जिम्मेवारी भी है और इस उच्च सदन की परंपरा भी. हमें इसकी गरिमा के विरुद्ध कोई आचरण नहीं करना चाहिए.
सभापति की भूमिका की सबने की सराहना : सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के साथ-साथ अन्य दलों के सदस्यों ने भी सभापति अवधेश नारायण सिंह की सूझबूझ की प्रशंसा की और दोनों दलों के बीच गतिरोध समाप्त होने पर संतोष व्यक्त किया.
भाकपा के केदारनाथ पांडेय ने कहा, नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी ने अपने बड़कप्पन का परिचय दिया है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं. गुरुवार को विधान परिषद की जो छवि दुनिया भर में बनी थी, उसे हमने ठीक कर लिया है.
मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारा दल ऐसा कोई आचरण नहीं करेगा, जिससे लोकतंत्र शर्मसार हो और हमारी संसदीय परंपरा पर उंगली उठायी जाये. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुझे संतोष है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पीड़ा को नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी ने महसूस किया है. यह घटना दुखद है. मैंने भाजपा सदस्यों के संबंध में जो प्रस्ताव दिया था, उसे वापस लेता हूं.
राजद के मिश्री लाल यादव ने कहा कि संसदीय जीवन में आनेवाले लोगों से जनता को काफी उम्मीद रहती है. नेता प्रतिपक्ष द्वारा इस मामले में खेद व्यक्त किये जाने से मुझे अपार खुशी है. साथ ही विश्वास भी है कि सदन सभापति के संरक्षण में नियमानुसार चलेगा. कांग्रेस के मदन मोहन झा ने कहा, वह दुखद घटना थी. मामला अब सुलझ गया है.
हमारा दल सदन की कार्यवाही के संचालन में पूरी मदद करेगा. निर्दलीय देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा, आसन की भूमिका सराहनीय है. जदयू के नीरज कुमार और भाजपा के रजनीश कुमार द्वारा अपने-अपने प्रस्ताव को वापस लेने की सराहना करता हूं. साथ ही सुशील मोदी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगाये गये आरोप को वापस लेने की भी सराहना करता हूं.