पटना : भोजनावकाश के बाद प्रभारी गृहमंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा कि रोहतास मामले की जांच कमिश्नर व आइजी से कराने का आदेश दिया गया है. वहीं, औरंगाबाद गोलीकांड की जांच के लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव सी लाल सोता के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गयी है. दोनों अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गये हैं.
राज्य सरकार ने हाल के दिनों में घटी आपराधिक घटनाओं पर चिंता व दुख जताया. साथ ही जनता से ऐसी किसी आपराधिक घटना के बाद कार्रवाई के लिए 24 से 48 घंटे की मोहलत मांगी है. विधानसभा में गृह विभाग की 63 अरब 61 करोड़ 64 लाख 59 हजार करोड़ की अनुदान मांगों पर वाद-विवाद पर प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि किसी भी आपराधिक घटना के बाद पुलिस जांच के लिए अगले 24 से 48 घंटे महत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन, आक्रोशित जनता के घटनास्थल पर इकट्ठा होने, सड़क जाम करने, थाना फूंकने आदि से अपराधियों को मौका मिल जाता है.
इससे न सिर्फ साक्ष्य बरबाद होते हैं, बल्कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय विधि-व्यवस्था को संभालने में व्यस्त हो जाती है. मंत्री ने लोगों से अपील की कि घटना के 48 घंटे बाद पुलिस निष्क्रिय लगे, तो प्रदर्शन करें. सरकार अपराधियों पर ईमानदारी से नियंत्रण करना चाहती है. उधर, भाजपा ने बगहा, फारबिसगंज आदि मामलों की न्यायिक जांच के आधार पर हाल की घटनाओं की जांच की मांग की. साथ ही सूबे में सरकार से भाजपा के अलग होने के बाद आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी को रिकॉर्ड तोड़ करार दिया. अंत में नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने सूबे की जनता को सरकार से कोई उम्मीद नहीं कहते हुए सदन से वाकआउट किया. भाजपा के वाकआउट के बीच गृह विभाग की अनुदान मांगें पारित और कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया. अनुदान मांगों पर बहस में भाजपा के विक्रम कुंवर, अरुण कुमार सिन्हा, अरुण शंकर, जदयू के मंजीत कुमार सिंह, इजहार अहमद, राजद के दुर्गा प्रसाद सिंह आदि ने हिस्सा लिया.
जांच रिपोर्ट मिलने पर होगी कार्रवाई : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि एडीजी व प्रधान सचिव स्तर के एक अधिकारी मामले की जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. जांच के बाद वे जो रिपोर्ट देंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी. भाजपा के विधायक औरंगाबाद पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. इसी बीच मुख्यमंत्री पहुंच गये. विधायक उषा विद्यार्थी पोर्टिको में ही थीं. उन्होंने सीएम से इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की.