पटना: औषधि विभाग की टीम ने गोविंद मित्र रोड स्थित जय हनुमान दवा एजेंसी के गोदाम में छापेमारी की. छापेमारी में लगभग 50 लाख के फिजिशियन सैंपल मिले. साथ ही ऐसी दवाइयां भी मिलीं, जो बीएमएसआइसीएल ने सरकारी अस्पतालों में भेजी थी.
इनमें एंटी स्नैक वेनम व पाये स्कॉट (एंटीवाइटिक) की फाइल अधिक मात्र में जब्त की गयी. कार्रवाई बुधवार की शाम करीब चार बजे हुई. छापेमारी शुरू होने के पहले ही गोदाम के मालिक धीरज कुमार वहां से भाग निकले, लेकिन गोदाम खुली रह गयी. इस कारण टीम को प्रवेश करने में परेशानी नहीं हुई हैं.
देर रात तक जांच चलने के बाद गोदाम सील कर दिया गया. शुक्रवार को लिस्ट बनाने के बाद सभी दवाइयों को बैच नंबर के साथ कॉरपोरेशन से अस्पतालों की लिस्ट मांगी जायेगी. इसके बाद उन अस्पतालों के भंडार की भी जांच होगी. ऐसा करने से यह पता वल पायेगा कि किन अस्पतालों के भंडार से सरकारी दवा निकल कर बाजार तक पहुंची हैं. छापेमारी में इस बात कर खुलासा हुआ कि सरकारी अस्पतालों के स्टोर से दवाइयां गायब हो रही हैं. इनमें बीएमएसआइसीएल द्वारा अस्पतालों में भेजी गयी दवाइयां भी थोक मात्र में मौजूद थी. इनमें बरसात में मरीजों के इलाज में काम आने वाली अधिकतर दवाइयां थीं. पीएमसीएच के समीप दवा मंडी होने के कारण शक की सूई पीएमसीएच की ओर जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि कार्रवाई के बाद ही संभव है. औषधि विभाग का कहना है कि इतनी मात्र में सरकारी दवाइयां उपलब्ध होना किसी बड़े रैकेट के बिना संभव नहीं है.
फिजिशियन सैंपल की जगह नकली रैपर : छापेमारी में खुलासा हुआ कि फिजिशियन सैंपल का रैपर बदला जाता है और रैपर में दवा की एक्सपायरी की तारीख भी बढ़ायी जाती है. फिजिशियन सैंपल में महंगी दवाइयां भी हैं. कई दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी : पटना के लाइसेंसिंग अथॉरिटी सुभाष राय कहते हैं कि लगभग 50 लाख के फिजिशियन सैंपल व अस्पतालों में सप्लाइ की गयी दवाइयां गोदाम में हैं. फाइनल रिपोर्ट गुरुवार को स्टेट ड्रग कंट्रोल को सौंपी जायेगी. गोदाम में जिन दवाओं को कम तापमान में रखना है, उन्हें भी जैसे-तैसे रखा गया था. वहीं स्टेट ड्रग कंट्रोलर हेमंत कुमार का कहना है कि अस्पतालों में सप्लाइ की गयी दवाइयों के फिजिशियन सैंपल के रैपर हटा कर एक्सपायरी बढ़ाने की बात सामने आयी है. इसकी जांच होगी. एक्ट के तहत धाराएं लगेंगी. एजेंसी के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.