पटना: फर्जी कागजात पर फाइनांस कंपनी के माध्यम से लक्जरी गाड़ियां निकाल कर बिक्री करनेवाले जालसाज राज सिन्हा (सासाराम) व विजय प्रकाश सिंह (बक्सर) ने चार गाड़ियों को लोन पर निकाला था.
इस काम में मेघना फाइनांस कंपनी के मार्केटिंग एक्जिक्यूटिव अमितेश की संलिप्तता की पुलिस को जानकारी मिली और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया. अमितेश को कागजात की जांच करने की जिम्मेवारी थी, लेकिन उसने बिना जांच किये ही सही करार दिया और उसके आधार पर एसबीआइ की फ्रेजर रोड शाखा से सफारी व स्काडा गाड़ी के लिए लोन मिल गया. उसने अपने नाम पर गाड़ी नहीं ली थी, बल्कि पहचान पत्र पर अपना नाम सुबोध सिंह अंकित कर रखा था और फोटो उनका था.
साढ़े छह लाख में बेची थी दवा व्यवसायी से : बैंक से निकालने के तीन माह बाद ही इसने सभी गाड़ियों को ठिकाने लगा दिया था. सफारी गाड़ी ये जालसाज खुद उपयोग करते थे, जबकि स्काडा गाड़ी को इन लोगों ने आशियाना नगर के एक दवा व्यवसायी को मात्र साढ़े छह लाख में बेच दिया था. दवा व्यवसायी उस गाड़ी को लेकर मोकामा चले गये. तीसरी होंडा प्राइम गाड़ी इन लोगों ने लखनऊ में एक व्यक्ति को बेच दिया था. जबकि चौथी सफारी गाड़ी को इन लोगों ने रांची में एक रिश्तेदार को दे दिया था.
पूछताछ के बाद पुलिस को इन गाड़ियों के संबंध में जानकारी मिली. दवा व्यवसायी को इस संबंध में जब जानकारी मिली, तो उनके भी होश उड़ गये. इधर एसबीआइ के दो कर्मचारी भी राजीव नगर थाने पहुंचे और छानबीन की. राजीव नगर पुलिस को आशा है कि इन लोगों की निशानदेही पर और भी कई गाड़ियों के संबंध में जानकारी मिल सकती है. इसलिए दोनों से पूछताछ की जा रही है और उनसे जानकारी लेकर गाड़ियों को बरामद करने के साथ ही गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है. राजीव नगर पुलिस के अनुसार दोनों को बुधवार को जेल भेजा जायेगा. सोमवार को राजीव नगर पुलिस ने राज सिन्हा (सासाराम) व विजय प्रकाश सिंह (बक्सर) को एक सफारी गाड़ी के साथ राजीव नगर रोड नंबर नौ स्थित आवास से देर रात पकड़ लिया गया था.