पटना: जिस गैस वेंडर संजय महतो उर्फ टोप कुमार को उसके परिजन मृत मान लिया था और उसका अंतिम संस्कार करने के बाद घर में श्रद्ध कर्म का विधि-विधान शुरू कर दिया था, वह जिंदा निकला. परिजन मंगलवार को उसके ब्रह्नाभोज की तैयारी कर रहे थे.
इसी बीच महेंद्रू स्थित उसकी ससुराल से सास लालमति देवी ने फोन किया कि दामाद टोप मेरे आवास पर कल रात पहुंचा है, लेकिन उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इसके बाद उसके पिता नंदू तुरंत उसके ससुराल पहुंचे, जहां उन्हें टोप जिंदा मिला. घर में रोने-धोने का माहौल अचानक खुशी में बदल गया.
हो गयी थी गलतफहमी
टोप अप्रैल में अचानक ही घर से गायब हो गया था. उसकी गुमशुदगी की प्राथमिकी परिजनों ने बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज करायी थी. इसी बीच 11 दिन पहले दानापुर पुलिस से जानकारी मिली कि दानापुर थाने क्षेत्र में एक व्यक्ति की लाश मिली है. वे लोग शव की पहचान कर लें. टोप के पिता नंदू थाना गये और उसकी पहचान टोप के रूप में की. परिजनों ने बताया कि टोप के हाथ व पैर में जले के निशान थे और उस व्यक्ति के हाथ-पैर भी जले हुए थे. इसके कारण गलतफहमी हो गयी थी और इसकी वजह से उसे टोप का शव समझ कर उसका बांस घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया था.
पत्नी-बेटी की आयी याद
परिजनों ने बताया कि टोप घर से भागने के बाद दिल्ली चला गया था और मजदूरी कर जीवनयापन कर रहा था. अचानक ही उसे पत्नी और बेटी की याद आयी, तो वह ससुराल पहुंच गया. उधर, टोप के जिंदा होने की खबर आग की तरह पूरे उत्तरी मंदिरी इलाके में फैल गयी. बड़ी संख्या में लोग इस बात की जानकारी लेने के लिए उसके घर तक भी पहुंच गये.