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किशनगंज में जदयू प्रत्याशी अख्तरुल ईमान ने मैदान छोड़ा

पटना/किशनगंज: 30 दिन भी नहीं हुए राजद छोड़ कर जदयू में शामिल हुए कोचाधामन के विधायक अख्तरूल ईमान ने मंगलवार को जदयू को बड़ी मुश्किल में डाल दिया. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार ईमान ने खुद को चुनाव से अलग कर लिया है. मंगलवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में ईमान ने […]

पटना/किशनगंज: 30 दिन भी नहीं हुए राजद छोड़ कर जदयू में शामिल हुए कोचाधामन के विधायक अख्तरूल ईमान ने मंगलवार को जदयू को बड़ी मुश्किल में डाल दिया. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार ईमान ने खुद को चुनाव से अलग कर लिया है. मंगलवार को अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में ईमान ने चुनाव मैदान से हटने की घोषणा की. इससे पहले यूपी के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से कांग्रेस प्रत्याशी रमेश तोमर नामांकन की अंतिम तिथि बीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गये थे.

अख्तरूल ईमान ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए मैं यह कुरबानी दे रहा हूं. मेरे चुनाव मैदान में रहने से मुसलिम मतों का विभाजन होगा और भाजपा को इसका सीधा लाभ होगा.

ईमान की यह घोषणा करते ही उनके समर्थकों के बीच मायूसी छा गयी. कुछ तो रोने लगे. कई ने उन्हें इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा, लेकिन ईमान अपने फैसले पर अडिग रहे. इधर, पटना में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी सभी चीजों को देख रही है. ईमान राजद से दूसरी बार विधायक चुने गये थे. 15 मार्च को उनके जदयू में शामिल होने से पार्टी को इलाके में नयी ताकत की उम्मीद जगी थी.

पत्रकार वार्ता के दौरान ईमान ने अपने चिर परिचित अंदाज में कांग्रेस प्रत्याशी पर भी तीखे हमले किये. कहा, मैं अब भी चुनावी रेस में सबसे आगे हूं. फिर भी फिरकापरस्त ताकतों को रोकने के लिए चुनाव मैदान से पीछे हटना मुनासिब समझा है. दरअसल, पूरा विवाद मुसलिम समाज के स्थानीय सूरजापुरी और शेरशाहवादी समुदायों के बीच राजनीतिक वर्चस्व का है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों के बीच फूट डालने के लिए कोचाधामन विधानसभा उपचुनाव में शेरशाहवादी और बायसी विधानसभा उपचुनाव में कुल्हैया बिरादरी के लोगों को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अल्पसंख्यकों के वोटों के बंटवारे की पूरी संभावना बन गयी है. उन्होंने कहा कि जब-जब अल्पसंख्यकों के वोटों का बिखराव हुआ है, तब-तब सांप्रदायिक ताकतों ने किशनगंज लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया है.

इस बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव मंगलवार को भ्रम का शिकार होकर ईमान के पक्ष में प्रचार करने किशनगंज के टेढागाछ प्रखंड़ पहुंच गये. टेढागाछ पहुंचने पर ईमान के चुनावी मैदान छोड़ने की जानकारी मिलने पर गुस्से में शरद ने कहा कि वह उन्हें इमानदार समझते थे, पर वह तो बेईमान निकले. शरद ने किशनगंज सीट पर किसी निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिये जा सकने की ओर संकेत दिया.

मालूम हो कि जदयू प्रत्याशी ईमान कोचाधामन से राजद के विधायक थे. हाल ही में राजद में हुए टूट में वह भी शामिल थे. राजद से अलग होने के बाद जदयू ने उन्हें किशनगंज से प्रत्याशी बनाया था. बुधवार को किशनगंज में कांग्रेस प्रत्याशी मौलाना असरारूल हक के पक्ष में चुनाव प्रचार करने राहुल गांधी आ रहे हैं. ऐसे में जदयू प्रत्याशी के मैदान से हटने से चुनावी समीकरण बदलने के आसार हैं. यहां तीसरे चरण में 24 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे.

इधर, जदयू के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. बीच चुनाव में उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था. जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि ईमान ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है. अपनी मर्जी से राजद छोड़ कर जदयू में आये थे. टिकट मिलने के बाद बीच मैदान में इस तरह से नहीं करना चाहिए.

वहीं कांग्रेस ने ईमान द्वारा उम्मीदवारी वापस लिए जाने का स्वागत किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि सही कदम बताते हुए जदयू के भीतर बडे पैमाने पर हतोत्साह व्याप्त होने और प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होने का दावा किया. जदयू पर प्रहार करते हुए चौधरी ने दावा किया इस लोकसभा चुनाव में उनकी बहुत भूमिका नहीं, क्योंकि धर्मनिरपेक्ष शक्तियां कांग्रेस और राजद के पीछे खड़ी हैं.

अख्तरुल ईमान ने अपना ईमान बेच दिया है. जैसी सूचना मिल रही है. उसके अनुसार ईमान ने बहुत सारा पैसा लेकर चुनाव से हटने का निर्णय लिया है. मामले की जांच करायी जा रही है.

शरद यादव, जदयू अध्यक्ष

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