पटना: आठ जिलों के छह संसदीय क्षेत्रों में प्रथम चरण का मतदान 10 अप्रैल को होना है. सरकार ने निष्पक्ष व भयमुक्त वातावरण में मतदान कराने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है. नक्सलियों की किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा. जमुई व गया में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर वोट बहिष्कार करने का एलान किया है.
सरकार के संज्ञान में यह बात आयी है. उन इलाकों में सघन कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ये बातें मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहीं.
सभी मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील : उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों के सभी बूथों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है. इन केंद्रों पर 237 कंपनी सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं. इसके अतिरिक्त होमगार्ड के 22 हजार जवानों को लगाया गया है. सोमवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, आइजी, डीआइजी, डीएम व एसपी को निर्देश दिया गया है कि कमजोर वर्ग के लोगों को किसी भी हाल में मतदान से वंचित करने के किसी भी प्रयास को रोकना है. प्रत्येक वोटर बगैर किसी भय के अपनी इच्छानुसार मनपसंद उम्मीदवार को वोट दें.
रामनवमी को लेकर हाइ अलर्ट : मुख्य सचिव ने बताया कि रामनवमी को लेकर नवादा व गया जिला प्रशासन को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. आठ अप्रैल को रामनवमी है और 10 अप्रैल को मतदान है. सरकार को ऐसी सूचना मिली है कि कुछ उपद्रवी तत्व पार्टी विशेष के पक्ष सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ सकते हैं. वहां अतिरिक्त बल उपलब्ध कराये गये हैं. इन दोनों जिलों में खुफिया विभाग, विशेष शाखा के जवानों को सादे वेश में तैनात कर दिया गया है.
वे पल-पल की गतिविधियों की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दे रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. संवाददाता सम्मेलन में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, विशेष सचिव प्रीता वर्मा, कमल नारायण सिंह, एडीजी (विधि व्यवस्था) एसके भारद्वाज, एडीजी (मुख्यालय) रवींद्र कुमार आदि मौजूद थे.
पहले चरण की मतदान अवधि को कम करने का सीएस ने किया अनुरोध
मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा है कि प्रथम चरण के सभी संसदीय क्षेत्रों में मतदान का समय घटाने का अनुरोध निर्वाचन आयोग से किया गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते समय कम किया जाना आवश्यक है. वर्तमान में सुबह सात बजे से चार बजे तक मतदान का समय निर्धारित है. इसे घटना कर अपराह्न् तीन बजे तक मतदान की अवधि निर्धारित करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की टीम जब राज्य के दौरे पर थी, उस वक्त उनके समक्ष इस मसले को उठाया गया था. सोमवार को फिर फैक्स भेज कर मतदान अवधि को लेकर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है.