गोपालगंज.
आइडीबीआइ बैक के सहायक मैनेजर के पद पर कार्यरत स्नेहा सिंह आत्महत्या मामले में पटना हाइकोर्ट ने आरोपित तीनों प्रबंधकों की जमानत याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया. हाइकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
पटना के राजेंद्र नगर के रोड नंबर 12 निवासी आइपीएस अधिकारी तेगबहादुर सिंह की पोती स्नेहा सिंह आइडीबीआइ, गोपालगंज में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत थी. बैंक में अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आ कर पिछले 22 नवंबर, 2013 की रात में सुसाइड नोट लिखने के बाद आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड नोट के आधार पर इस मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक देवेंद्र पाल सिंह, ऑपरेशन मैनेजर शिव कुमार नायक व रत्नेश कुमार को पुलिस ने 23 नवंबर को गिरफ्तार किया. इस मामले में स्नेहा सिंह के बड़े पापा देवकुमार सिंह ने नगर थाने में तीनों को अभियुक्त बनाते हुए कांड दर्ज करायी थी. पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से जांच की. इस कांड में पुलिस ने चाजर्शीट भी न्यायालय को समर्पित कर चुकी है. गौरतलब है कि इस मामले में 21 दिसंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोदानंद झा की अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद पटना हाइकोर्ट में अपील की गयी थी. पिछले 20 मार्च को बेल के मामले में न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार मिश्र की पीठ ने भी केस को दूसरे पीठ में सुनने के लिए ट्रांसर्फर कर दिया था. गुरुवार को जमानत के बिंदु पर न्यायमूर्ति धरनीधर झा की बेंच में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता वाइबी गिरि, एनके अग्रवाल, चितरंजन सिन्हा तथा सोनी श्रीवास्तव ने पक्ष रखा, जबकि पीड़ित की तरफ से वरीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार, नागेंद्र कुमार सिंह, विपिन कुमार सिंह, कुमार राजीव, निर्मला कुमारी, श्रुति सिन्हा , धनंजय पांडेय की दलील को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी.