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सरकार बनाने का दावा किया, हेमंत चुने गये नेता

-राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा हेमंत सोरेन ने मंगलवार को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. वह राज्य के नौवें मुख्यमंत्री होंगे. मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ लेते ही पिछले छह माह से जारी राष्ट्रपति शासन समाप्त हो जायेगा. राज्य में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा है. झारखंड ने गठन […]

-राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा

हेमंत सोरेन ने मंगलवार को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. वह राज्य के नौवें मुख्यमंत्री होंगे. मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ लेते ही पिछले छह माह से जारी राष्ट्रपति शासन समाप्त हो जायेगा. राज्य में तीसरी बार राष्ट्रपति शासन लगा है. झारखंड ने गठन के 13 साल में आठ सरकारें भी देख ली है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बननेवाली सरकार को 43 विधायकों का समर्थन पत्र मिल गया. इसके बाद हेमंत ने घटक दलों के नेताओं के साथ राजभवन गये. निगाहें अब राजभवन की ओर है. राज्यपाल पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद हेमंत सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे.

जल्द शपथ ग्रहण का आग्रह किया

रांचीः कांग्रेस, राजद और निर्दलीयों के सहयोग से नयी सरकार के गठन के लिए झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने मंगलवार को राज्यपाल के समक्ष दावा पेश कर दिया. राज्यपाल डॉ सैयद अहमद को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा.

हेमंत शाम करीब 5.20 बजे अपने पिता झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन सहित कांग्रेस, राजद और निर्दलीय विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे. सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ ही उन्होंने राज्यपाल से जल्द शपथ ग्रहण की तिथि तय करने का भी आग्रह किया. शिबू के आवास पर हुई बैठक : इससे पहले शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित आवास पर सरकार को समर्थन कर रहे कांग्रेस, राजद और निर्दलीयों के साथ झामुमो नेताओं की बैठक हुई. बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को गंठबंधन का नेता चुना.


कांग्रेस
विधायक दल के नेता राजेंद्र सिंह ने हेमंत को गंठबंधन का नेता चुने जाने से संबंधित प्रस्ताव पेश किया. निर्दलीय विधायक बंधु तिर्की ने इसका समर्थन किया. बैठक के बाद सभी राजभवन गये.


बैठक के दौरान आया एनोस का समर्थन पत्र

हेमंत सोरेन ने सोमवार शाम तक 41 विधायकों का समर्थन जुटा लिया था. मंगलवार सुबह निर्दलीय विधायक बंधु तिर्की जेल में मधु कोड़ा से मिलने पहुंचे. उनसे बातचीत की. वहां से लौटने के बाद हेमंत सोरेन को साथ लेकर गीता कोड़ा के पास पहुंचे. गीता कोड़ा ने भी उन्हें समर्थन पत्र सौंप दिया. शिबू सोरेन के आवास पर हो रही घटक दलों की बैठक के दौरान एनोस एक्का का भी समर्थन पत्र हेमंत के पास पहुंचा.

बैठक के दौरान झापा नेता अशोक भगत उनका समर्थन पत्र लेकर पहुंचे. हालांकि इससे पहले भी एनोस ने फैक्स के माध्यम से समर्थन पत्र भेज दिया था.


कौनकौन पहुंचा राजभवन : शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, राजेंद्र प्रसाद सिंह, सुखदेव भगत, अन्नपूर्णा देवी, सुरेश पासवान, संजय सिंह यादव, बंधु तिर्की, गीता कोड़ा, चमरा लिंडा, विदेश सिंह, अरूप चटर्जी और एनोस के प्रतिनिधि अशोक भगत.

तृतीय विधानसभा के तीसरे मुख्यमंत्री

हेमंत सोरेन झारखंड की तृतीय विधानसभा के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में लेंगे. वर्तमान विधानसभा के गठन के बाद सबसे पहले शिबू सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. शिबू की सरकार गिरने के बाद अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री बने थे. झामुमो की समर्थन वापसी से अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गयी थी.

हेमंत सोरेन ने कहा : राज्य में छह माह से राष्ट्रपति शासन है. लोकतांत्रिक सरकार के गठन के लिए झामुमो, कांग्रेस, राजद और निर्दलीय साथियों ने मिल कर प्रयास किया है. इसी के तहत हमने 43 साथियों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है.

राज्यपाल से लोकतांत्रिक सरकार के गठन के लिए आगे की कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. हमने जल्द से जल्द शपथ का आग्रह किया है. समय राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र का मामला है. नये गंठबंधन की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और जनहित में कार्य करेगी.

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