GOLD Medlist नीरज चोपड़ा से भी पहले इस एथलीट ने जैवलिन थ्रो में जीता GOLD, एक हाथ से रचा इतिहास

Prabhat khabar Digital

Paralympics 2020: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. हर ओर उनकी ही चर्चा हो रही है.

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गूगल पर इस समय नीरज चोपड़ा सबसे ज्यादा सर्च किये जा रहे हैं. नीरज ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बनकर सबके चहेते हो गये हैं.

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ओलंपिक एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा भले ही पहला पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गये हैं, लेकिन बहुत कम ही लोगों को यह मालूम है कि नीरज से पहले भी ओलंपिक में एक भारतीय एथलीट ने भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीत चुका है. उस एथलीट ने एक नहीं बल्कि दो-दो गोल्ड ओलंपिक में जीते हैं.

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यहां बात हो रही है पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया (devendra jhajharia) की. झझारिया ने पैरालंपिक में अब तक भारत के लिए दो-दो गोल्ड मेडल ओलंपिक में जीते हैं. पहली बार उन्होंने 2004 एथेंस में गोल्ड जीता, उसके बाद 2016 रियो में भी गोल्ड जीता.

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बड़ी बात हो ये है कि झझारिया ने एक हाथ से ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता. दरअसल एक दुर्घटना में उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया था.

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राजस्थान के चुरू जिले के रहने वाले 40 साल के झझारिया के नाम पैरालंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने 62.15 मीटर भाला फेंकर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है. झझारिया पद्म श्री प्राप्त करने वाले पहले पैरा-एथलीट हैं और उन्हें 2014 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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उन्होंने बताया कि एक दुर्घटना में उनका एक हाथ कट गया. उन्होंने दुर्घटना के बारे में बताते हुए कहा था, मैं अपने गांव में एक पेड़ पर चढ़ रहा था और गलती से एक 11,000 वोल्ट की केबल को छू लिया.

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दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि (मेरा बायां हाथ) तुरंत काटना पड़ा. किसी को यकीन नहीं था कि मैं इससे उबर पाऊंगा या नहीं.

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गौरतलब है कि 24 अगस्त से टोक्यो में पैरालंपिक खेलों की शुरुआत होगी. इस बार भारत का 54 सदस्यीय पैरालम्पिक दल 18 अगस्त को टोक्यो रवाना होगा.

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