आनंद ने पहली बार जीता लंदन क्लासिक का खिताब

लंदन : भारत के शतरंज चैंपियन और पांच बार के विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद ने आज ब्रिटिश ग्रैंडमास्टर माइकल एडम्स को हराकर पहली बार लंदन क्लासिक शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है. आनंद ने उडम्‍स को पांचवें और आखिरी दौर में मात देकर खिताब पर कब्‍जा जमाया. छह खिलाडियों के बीच राउंड रोबिन आधार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2014 6:22 PM

लंदन : भारत के शतरंज चैंपियन और पांच बार के विश्व विजेता विश्वनाथन आनंद ने आज ब्रिटिश ग्रैंडमास्टर माइकल एडम्स को हराकर पहली बार लंदन क्लासिक शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है. आनंद ने उडम्‍स को पांचवें और आखिरी दौर में मात देकर खिताब पर कब्‍जा जमाया.

छह खिलाडियों के बीच राउंड रोबिन आधार पर खेल गये टूर्नामेंट में आनंद ने पहली चार बाजियां ड्रॉ करवायी थी. आनंद को खिताब जीतने के लिये इसमें जीत की जरुरत थी और इसमें एडम्स ने भी उनकी मदद की जिन्होंने सफेद मोहरों से ड्रॉ करवाने के बजाय मुकाबले में बने रहने की तरजीह दी.

आनंद ने इस जीत से एलीट शतरंज में अपनी जीवंत उपस्थिति बरकरार रखी. लंदन क्लासिक से दो सप्ताह पहले उन्हें विश्व चैंपियनशि मुकाबले में नार्वे के मैगनस कार्लसन के हाथों हार का सामना करना पडा था. आनंद ने फुटबॉल की तरह की स्कोरिंग प्रणाली में कुल सात अंक बनाये. इस प्रणाली के तहत जीत पर तीन और ड्रॉ पर एक अंक मिलता है. चार ड्रॉ के बाद एकमात्र जीत से आनंद के रुस के व्लादीमीर क्रैमनिक और नीदरलैंड के अनीस गिरी के समान अंक हो गये थे. इसके बाद वह टाईब्रेक में अव्वल रहे और उन्हें खिताब मिला.
लंदन स्कोरिंण प्रणाली में काले मोहरों से जीत दर्ज करने वाले खिलाडी को अधिक तवज्जो दी गयी जबकि गिरी और क्रैमनिक ने इससे पहले सफेद मोहरों से जीत दर्ज की थी. अमेरिका के हिकारु नकामुरा भी खिताब के दावेदार थे लेकिन वह विश्व के दूसरे नंबर के खिलाडी इटली के फैबियानो कारुआना से पार नहीं पा सके और उन्होंने बाजी ड्रॉ करवायी. नकामुरा छह अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे जबकि एडम्स और कारुआना दोनों के समान चार-चार अंक रहे.
आनंद ने काले मोहरों से सहजता से अपनी चालें चली. मिडिलगेम तक रानी बोर्ड से हट चुकी थी और एडम्स तब तक बराबरी पर थे लेकिन इसके बाद उन्होंने गलतियां की जिससे आनंद की जीत की संभावना बढ़ गयी. एडम्स को पांच मिनट में नौ चाल चलनी थी और ऐसे में उन्होंने 32वीं चाल में बड़ी गलती की. इसके बाद आनंद ने पीछे मुडकर नहीं देखा और 36 चाल में बाजी जीत ली.
क्रैमनिक और गिरी ने एक दूसरे से ड्रॉ खेला. इन दोनों ने परिणाम हासिल करने के लिये आखिर तक कोशिश की लेकिन अंत में 60 चाल के बाद वे अंक बांटने पर सहमत हो गये. नकामुरा ने भी खिताब की चाहत में जीत के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी. वह बाजी को लंबी खींचते रहे लेकिन 81वीं चाल के बाद जब साफ हो गया कि बाजी किसी खिलाड़ी के पक्ष में नहीं जाएगी तब नकामुरा ड्रॉ पर सहमत हो गये.

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