एशियन गैम में चला मैरीकॉम का जादू, देश को दिलाया सोना

भारत की महिला बॉक्सर मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकॉम (एमसी मैरीकॉम) ने अपने जीवन का शानदार प्रदर्शन करते हुए आज एशियन गेम 2014 में सोना जीता. उन्हें यह सोना 48-51 किलोग्राम वर्ग में मिला. उन्होंने कजाकिस्तान की अपनी प्रतिद्वंदी झाएना शेकेरबेकोवा को कड़े मुकाबले में हराया. यह एशियन गेम में उनका अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मैच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 1, 2014 1:02 PM

भारत की महिला बॉक्सर मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकॉम (एमसी मैरीकॉम) ने अपने जीवन का शानदार प्रदर्शन करते हुए आज एशियन गेम 2014 में सोना जीता. उन्हें यह सोना 48-51 किलोग्राम वर्ग में मिला. उन्होंने कजाकिस्तान की अपनी प्रतिद्वंदी झाएना शेकेरबेकोवा को कड़े मुकाबले में हराया.

यह एशियन गेम में उनका अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मैच के पहले राउंड में मैरीकॉम का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, जिसके कारण तीनों जजों ने यह राउंड कजाकिस्तान की खिलाड़ी के नाम कर दिया. लेकिन दूसरे राउंड में मैरीकॉम के प्रदर्शन से दो जज प्रभावित हुए, जबकि एक जज कजाकिस्तान की खिलाड़ी के साथ थे.

यह मुकाबला काफी कड़ा था. हालांकि तीसरे राउंड में मैरीकॉम ने अपनी प्रतिद्वंदी को संभलने का मौका नहीं दिया और पंच पर पंच जड़ा. मैरीकॉम के आक्रामक प्रदर्शन के बाद उन्हें सोना मिल गया.

अबतक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन
मैरीकॉम के कैरियर रिकॉर्ड पर अगर नजर डालें, तो हम पायेंगे कि एशियन गेम 2014 में सोना जीतना मैरीकॉम के कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले 2010 के एशियन गेम में उन्हें कांस्य पदक मिला था. वर्ष 2012 के ओलंपिक में मैरीकॉम को कांस्य पदक मिला है. वह पांच बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रहीं हैं.
कैरियर की शुरुआत
मैरीकॉम ने वर्ष 2001 में पहली बार नेशनल वुमेंस बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती थी. अब तक वह 10 राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हंै. भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया. 2006 में उन्हें पद्मश्री से दिया गया और 2009 में वे मैरीकॉम का खेल का सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल पुरस्कार दिया गया.
काफी संघर्षपूर्ण रहा है जीवन
मैरीकॉम का जन्म मणिपुर के एक गांव में एक मार्च 1983 को हुआ था. उन्होंने प्रारंभिक पढ़ाई गांव से और आगे की शिक्षा इंफाल से पूरी की. हालांकि उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था. वह शुरू से बॉक्सर बनना चाहतीं थीं, लेकिन घर से उन्हें बहुत सहयोग नहीं मिल रहा था. लेकिन अपनी जीवटता से उन्होंने अपने सपने को पूरा किया और आज सब उनके साथ हैं.उनके जीवन पर बॉलीवुड में हाल ही फिल्म भी बनी है, जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने उनकी भूमिका निभाई है.
कम वजन के कारण हुई परेशानी
मैरीकॉम का वजन काफी कम था. जब विश्व मुक्केबाजी संघ ने यह निर्णय किया कि बॉक्सिंग की प्रतियोगिता सिर्फ तीन श्रेणियों में होगी और न्यूनतम वजन 51 किलो निर्धारित किया, तो मैरीकॉम को अपना वजन तीन किलो बढ़ाना पढ़ा अन्यथा वे बॉक्सिंग प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पातीं. पहले मैरीकॉग 46 किलोग्राम वजन की प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थीं.

Next Article

Exit mobile version