राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास

रविवार रात यानी तीन अगस्त को ग्लासगो में 20वें राष्ट्रमंडल खेलों का समापन हो गया. राष्ट्रमंडल खेलों यानी कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास काफी पुराना है. 1930 में कनाडा के हेमिल्टन में पहले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था. 1970 और 1986 में राजधानी एडिनबर्ग में खेलों के आयोजन के बाद यह तीसरा मौका है, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 4, 2014 7:47 AM

रविवार रात यानी तीन अगस्त को ग्लासगो में 20वें राष्ट्रमंडल खेलों का समापन हो गया. राष्ट्रमंडल खेलों यानी कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास काफी पुराना है. 1930 में कनाडा के हेमिल्टन में पहले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया गया था.

1970 और 1986 में राजधानी एडिनबर्ग में खेलों के आयोजन के बाद यह तीसरा मौका है, जब राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन स्कॉटलैंड में आयोजित किया गया. 1950 तक इन खेलों को ब्रिटिश साम्राज्य खेल कहा जाता था. उसके बाद इन्हें ब्रिटिश साम्राज्य एवं राष्ट्रमंडल खेल कहा गया और आखिरकार वर्ष 1978 में इसे राष्ट्रमंडल खेलों का नाम दिया गया.

नयी दिल्ली में आयोजित 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत दूसरे नंबर पर रहा था. इस बार ग्लासगो में भारत ने 14 खेल विधाओं में 224 खिलाडि़यों को बड़ा दल भेजा था. ग्लासगो में 71 राष्ट्रमंडल देशों और स्वतंत्र राज्यों के 6,500 से ज्यादा एथलीटों ने हिस्सा लिया.

हमेशा की तरह राष्ट्रमंडल खेलों में इस बार भी स्टार खिलाडि़यों का अभाव दिखा है. वर्ष 2012 में लंदन में आयोजित पिछले ओलिंपिक खेलों में सबसे अधिक पदक जीतने वाले तीन देश-अमेरिका, चीन और रूस राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं लेते. इस सब के बावजूद इतना तय है कि यह खेल नये खिलाडि़यों को अपनी आंकाक्षाएं पूरी करने का अवसर मुहैया कराते हैं.

Next Article

Exit mobile version