अभाव भी रोक नहीं पाया इनके कदम सुविधाएं मिलें तो ओलिंपिक में जीत सकते हैं पदक

आमोद सिंह पटना : बिहार के नक्सलग्रस्त जिले जमुई के खैरा प्रखंड के डुमरकोला गांव से निकले सुदामा यादव का भाला (जेवलिन थ्रो)यूथ एशियन गेम्स तक पहुंच चुका है. यह उपलब्धि हासिल करने वाले बिहार के पहले युवा एथलीट हैं. हालांकि, लिगामेंट में चोट आने से वह इस गेम्स में पदक नहीं जीत सके. सुदामा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 29, 2019 8:24 AM
आमोद सिंह
पटना : बिहार के नक्सलग्रस्त जिले जमुई के खैरा प्रखंड के डुमरकोला गांव से निकले सुदामा यादव का भाला (जेवलिन थ्रो)यूथ एशियन गेम्स तक पहुंच चुका है.
यह उपलब्धि हासिल करने वाले बिहार के पहले युवा एथलीट हैं. हालांकि, लिगामेंट में चोट आने से वह इस गेम्स में पदक नहीं जीत सके. सुदामा के पिता बालमुकुंद यादव छोटे किसान हैं और सुदामा की जिद पर उन्हें जमुई पढ़ने के लिए भेज दिया. वहां पर सुदामा ने खेल में अपना सफर क्रिकेट (तेज गेंदबाज) से शुरू किया, लेकिन कोच आशुतोष सूरज की नजर में आने के बाद वह भाला फेंक से जुड़े.
उसके बाद सुदामा ने अपने खेल में लगातार शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन उन्हें वे सुविधाएं अब तक नहीं मिली हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने के लिए जरूरी हैं. सुदामा के कोच आशुतोष ने कहा कि अगर इसे वर्ल्ड क्लास जेवलिन (भाला) और इंटरनेशनल कोच की देखरेख में प्रशिक्षण मिले, तो यह देश को ओलिंपिक में मेडल दिला सकता है. फिलहाल इन जैसे खिलाड़ियों को राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक माह कुछ रुपये स्कॉलरशिप के रूप में मिले, तो यह अपना अभ्यास मानसिक रूप से स्वतंत्र हो कर सकते हैं.
सुदामा को ‘खेलो इंडिया’ में पदक जीतने बावजूद अब तक कोई स्कॉलरशिप नहीं मिली है, जबकि केंद्र सरकार ने यह घोषणा की थी कि इस टूर्नामेंट में पदक जीतनेवाले खिलाड़ियों प्रत्येक वर्ष पांच लाख रुपये मिलेंगे.
पटना : पटना जिले के बाढ़ प्रखंड के नवादा गांव की रहनेवाली स्वीटी कुमारी की प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं है. स्वीटी ने इस साल लगातार पांच अंतरराष्ट्रीय रग्बी चैंपियनशिपों में भारतीय टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी है.
स्वीटी ने देश-दुनिया में अपने राज्य का नाम खूब रोशन किया. लेकिन परिवार की आर्थिक हालत के कारण उनके खेल पर संकट बना हुआ है. स्वीटी के पिता दिलीप चौधरी एलआइसी के एजेंट हैं और नौ सदस्यों वाला परिवार उनके इसी रोजगार से चलता है. स्वीटी ने बताया कि अच्छे ग्राउंड, बेहतर उपकरण और प्रशिक्षित कोच मिलें, तो मैं और बेहतर कर सकती हूं. स्वीटी ने कहा कि राज्य सरकार अगर रग्बी फुटबॉल का एक एक्सिलेंस सेंटर बाढ़ में बनाकर हर सुविधा प्रदान करे, तो राज्य को प्रत्येक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक हम खिलाड़ी देंगे.
सुदामा
टॉप -5 प्रदर्शन
एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप :
हांगकांग-2019-
चोट के कारण हटे
नेशनल यूथ एथलेटिक्स : छत्तीसगढ़-2019-72.34 मीटर (गोल्ड)
खेलो इंडिया यूथ गेम्स : पुणे-2019-72.37 मीटर (ब्रांज)
नेशनल ओपन जेवलिन
थ्रो : लखनऊ-
2018-71.71
मीटर (सिल्वर)
नेशनल यूथ
एथलेटिक्स : गुजरात-2018-71.06 मीटर (ब्रांज)
स्वीटी
टॉप -5 प्रदर्शन
एशियन अंडर-18 : 75 अंक (टॉप स्कोरर)
सेवन्स ट्रॉफी : 50 अंक (टॉप स्कोरर)
एरडब्लू डिवीजन-1 : 40 अंक
सेवन्स ट्रॉफी : 15 अंक
एशियन अंडर-20 : 35 अंक (टॉप स्कोरर)
बाढ़ से निकल स्वीटी बनीं एशिया रग्बी में टॉप स्कोरर

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