IPL 2020: आईपीएल को डोपिंग से बचाने के नाडा ने बनाया स्पेशल प्लान, यूएई में बनाएगा 5 डोप कंट्रोल स्टेशन

IPL 2020, Indian premier league: कोरोना संकट के बीच इस बार यूएई में आयोजित की सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट लीग आईपीएल को डोपिंग से मुक्त रखने के लिए भारत की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानि नाडा ने स्पेशल प्लान तैयार किया है. नाडा का साथ यूएई की एंटी डोपिंग एजेंसी भी देगी. नाडा की ओर से पूरे आईपीएल के दौरान यूएई में पांच डोप कंट्रोल स्टेशन (डीसीएस) स्थापित किए जाएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2020 10:21 AM

IPL 2020, Indian premier league, कोरोना संकट के बीच इस बार यूएई में आयोजित की सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट लीग आईपीएल को डोपिंग से मुक्त रखने के लिए भारत की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानि नाडा ने स्पेशल प्लान तैयार किया है. नाडा का साथ यूएई की एंटी डोपिंग एजेंसी भी देगी. नाडा की ओर से पूरे आईपीएल के दौरान यूएई में पांच डोप कंट्रोल स्टेशन (डीसीएस) स्थापित किए जाएंगे.

तीन डोप कंट्रोल स्टेशन मैचों के आयोजन स्थल अबू धाबी, शारजाह और दुबई में स्थापित किए जाएंगे. इन्हीं तीनों सेंटरों पर इन कंपटीशन सैंपलिंग होगी, जबकि दो कंट्रोल स्टेशन दुबई स्थित आईसीसी क्रिकेट अकादमी और एक अन्य ट्रेनिंग स्थल पर स्थापित किया जाएगा. यहां ‘आउट ऑफ कंपटीशन’ सैंपलिंग होगी. नाडा की तीन टीमें जल्द ही सैंपलिंग के लिए टुकड़ों में यूएई भेजी जाएंगी.

टीओआई के मुताबिक, आईपीएल के दौरान विराट कोहली, महेंद्र सिंह धौनी, रोहित शर्मा समेत बड़े क्रिकेटरों के अलावा आईसीसी के रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (आरटीपी) में शामिल क्रिकेटरों की सैंपलिंग को वरीयता दी जाएगी. बीसीसीआई आईपीएल के दौरान सैंपलिंग, रहने और स्थानीय ट्रेवल का खर्च उठाएगा. नाडा को सिर्फ यूएई पहुंचने का खर्च उठाना होगा.

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नाडा ने ब्लड सैंपल लिए जाने को भी खारिज नहीं किया है. अगर लैब की ओर से ब्लड सैंपल लिए जाने को कहा जाता है तो उस क्रिकेटर का यह सैंपल लिया जाएगा.नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में पहली डीसीओ टीम को यूएई भेजा जाएगा. टॉप क्रिकेटरों समेत 50 क्रिकेटरों के डोप सैंपल नाडा की ओर से लिए जाएंगे, जिनकी टेस्टिंग दोहा लैब में कराई जाएगी.

डीसीओ की टीम में नाडा ऑफिशियल के अलावा दो सरकारी अस्पतालों के लीड डीसीओ और दो यूएई एंटी डोपिंग से मुहैया कराए गए चैपरॉन होंगे. यहां से जाने वाली टीमों को सारी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद एडमिनिस्ट्रेटिव बायोसिक्योर बबल में प्रवेश कराया जाएगा. टीम के सदस्यों को सात दिनों के एकांतवास के अलावा एक, तीन और छह दिनों में कराए जाने वाले कोविड-19 टेस्टिंग से गुजरना होगा. सभी कोविड टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही सदस्यों को बायो बबल में प्रवेश की अनुमति मिलेगी.

Posted By: Utpal kant

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