भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) गवर्निंग काउंसिल ने अंतिम समय में क्रिकेटरों के टी-20 लीग से बाहर होने के मामले को गंभीरता से लिया है. इंग्लिश क्रिकेटर जेसन रॉय और एलेक्स हेल्स ने बायो-बबल थकान को कारण बताते हुए गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा चुने जाने के बाद आईपीएल 2022 से बाहर होने का विकल्प चुना.
पिछले हफ्ते हुई बैठक
पिछले हफ्ते आईपीएल गवर्निंग आउंसिल की ताजा बैठक में बीसीसीआई बिना पर्याप्त कारण के आईपीएल से बाहर होने वाले विदेशी सितारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है. क्रिकबज वेबसाइट के अनुसार, कुछ फ्रेंचाइजी ने नीलामी में एक छोटा सा शुल्क हासिल करने वाले खिलाड़ियों के बढ़ते रुझान के बारे में चिंता जताई है.
फ्रेंचाइजी को होता है नुकसान
गवर्निंग काउंसिल के एक सदस्य ने क्रिकबज को बताया कि गवर्निंग काउंसिल की फ्रेंचाइजी के प्रति प्रतिबद्धता है जो लीग के महत्वपूर्ण हितधारक हैं. उन्होंने काफी प्लानिंग के बाद एक खिलाड़ी के लिए बोली लगायी. ऐसे में अगर कोई खिलाड़ी पीछे हटता है तो उनकी गणना गड़बड़ा जाती है, वह भी मामूली कारणों से. ऐसे में कुछ कड़े नियम बनाने पर विचार किया जा रहा है.
बैन होंगे ऐसे खिलाड़ी
उन्होंने कहा बिना वजह आईपीएल से नाम वापस लेने वालों को कुछ सत्रों के लिए बैन किया जा सकता है. ऐसा नहीं है कि जो भी खिलाड़ी आईपीएल से नाम वापस लेता है उसको बैन कर दिया जायेगा. यह कार्रवाई मामले पर आधारित होगी. अगर कारण जायज है तो उसे अलग दृष्टिकोण से देख जायेगा. लेकिन बिना जायज कारण के आईपीएल से हटने के बाद खिलाड़ियों को बैन का सामना करना पड़ सकता है.
फ्रेंचाइजी ने खर्च किये करोड़ों रुपये
जेसन रॉय और हेल्स के अलावा, लखनऊ सुपर जायंट्स ने मार्क वुड को खरीदने के लिए 7.25 करोड़ रुपये का नुकसान किया. जहां तक रॉय की बात है तो उन्होंने कहा था कि वह परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं और अपने खेल पर काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि यह सही है कि मैं अपने परिवार के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिताऊं. साथ ही अगले कुछ महीनों में खुद पर और अपने खेल पर समय बिताने के साथ-साथ एक बहुत ही व्यस्त वर्ष की ओर बढ़ रहा है.