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IPL क्रिकेटरों का लांचपैड : आईपीएल 10 में चमके ये नये खिलाड़ी

नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग को प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिये बड़ा लांचपैड बन गया है लेकिन लीग का एक चरण स्थानीय प्रतिभाओं के लिये इतना फायदेमंद नहीं रहा, जितना की रविवार को समाप्त हुआ सत्र रहा. एक सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले ‘स्वप्निल असनोदकर, मनप्रीत गोनी और पॉल वालथाटी’ देखे गये हैं लेकिन […]

नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग को प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिये बड़ा लांचपैड बन गया है लेकिन लीग का एक चरण स्थानीय प्रतिभाओं के लिये इतना फायदेमंद नहीं रहा, जितना की रविवार को समाप्त हुआ सत्र रहा. एक सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले ‘स्वप्निल असनोदकर, मनप्रीत गोनी और पॉल वालथाटी’ देखे गये हैं लेकिन 10वें चरण का करीब से आकलन किया जाये तो इससे खुलासा होगा कि इसने ऐसे कुछ खिलाड़ी दिये हैं जो आगामी वर्षों में भारतीय टीम की मजबूत बेंच स्ट्रेंथ बन सकते हैं.

इनमें केरल के तेज गेंदबाज बासिल थम्पी, दिल्ली के बायें हाथ के खिलाड़ी नीतिश राणा और महाराष्ट्र के राहुल त्रिपाठी का नाम सबसे आगे है. इस तिकड़ी ने इस चरण को अपने लिये बड़ा मंच बनाया और बेहतरीन तकनीक दिखाया. इन सबसे उपर उन्होंने ऐसा जज्बा दिखाया जो किसी भी खेल में उच्च स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने में सबसे अहम होता है. युवा तेज गेंदबाज थम्पी का प्रदर्शन भले ही उनके आंकडों में नहीं देखा जा सकता.

उन्होंने 12 मैचों में 9.49 रन प्रति ओवरों के खर्चीले इकोनामी रेट से 11 विकेट झटके लेकिन इसके बावजूद आईपीएल ज्यूरी ने उन्हें ‘एमर्जिंग प्लेयर’ पुरस्कार के लिये चुना. थम्पी ने यार्कर फेंकने की अपनी प्रतिभा दिखायी और 140 से ज्यादा रफ्तार से गेंदबाजी की. आईपीएल कप्तान सुरेश रैना और स्टार आल राउंडर ड्वेन ब्रावो ने उन्हें ‘भारत के संभावित’ खिलाडियों में शामिल किया. राष्ट्रीय कप्तान विराट कोहली अच्छे तेज गेंदबाजों को पंसद करते हैं और थम्पी वनडे व टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में तेज गेंदबाजों के रिजर्व पूल में शामिल हो सकते हैं.
कुछ महीने पहले गौतम गंभीर ने गुस्से में दिल्ली राज्य टीम के कोच केपी भास्कर की आलोचना की थी कि वह युवा खिलाडियों जैसे नीतिश राणा का आत्मविश्वास खत्म कर रहे हैं. राणा हालांकि विजय हजारे ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये और उन्हें खराब प्रदर्शन के कारण टूर्नामेंट के बीच में ही घर भेज दिया गया. लेकिन इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने मुंबई इंडियंस के लिये अपनी काबिलियत साबित करते हुए 13 मैचों में 126.13 के स्ट्राइक रेट से 333 रन बनाये.
इस तरह उन्होंने भास्कर का आकलन गलत साबित कर दिया. हालांकि उन्हें टूर्नामेंट के अंत में अम्बाती रायुडू के लिये अपना स्थान छोड़ना पड़ा लेकिन राणा ने मुंबई की टीम में अपनी भूमिका अदा की. उन्होंने 17 छक्के जड़े हैं जिसमें से ज्यादातर बड़े शाट थे जो स्टैंड में गये थे. वहीं राहुल त्रिपाठी ने तीसरे मैच से खेलना शुरू किया और टूर्नामेंट के अंत तक 146 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 391 रन बनाये.
नाकआउट चरण में हालांकि उनका प्रदर्शन थोड़ा धीमा रहा लेकिन उन्होंने चारों ओर से खुद की प्रशंसा के लिये अच्छा प्रदर्शन दिखाया. इन तीनों के लिये अगला घरेलू चरण ‘एसिड टेस्ट’ की तरह रहेगा. भारत की टेस्ट टीम तो लगभग तय ही है लेकिन एक अच्छे सत्र से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें सीमित ओवर के क्रिकेट के लिये तैयार करेगा. अब अगले कुछ महीनों में भारत ए का दक्षिण अफ्रीका दौरा भी होगा जिसमें इनमें से कुछ युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है. इन तीनों के अलावा कृणाल पंड्या, रिषभ पंत भरोसा दिलाते हैं कि भारतीय क्रिकेट सही हाथों में है.

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