नयी दिल्ली : बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट किया कि उनकी अपने पूर्ववर्ती शशांक मनोहर की तरह आईसीसी पद में कोई ‘दिलचस्पी’ नहीं है और इस समय उनका पूरा ध्यान भारतीय क्रिकेट के अधिकारों की रक्षा पर लगा हुआ है. मनोहर की ओर इशारा करते हुए ठाकुर ने कहा, ‘‘जिसे आईसीसी जाना था, वह पहले ही लंबे समय पहले जा चुका है. मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है और मैं यहां बीसीसीआई के साथ खुश हूं. मेरे लिये भारत से ज्यादा कुछ भी अहम नहीं है. हमें भारतीय क्रिकेट के अधिकारों की रक्षा करनी होगी.
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आईसीसी में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं : ठाकुर
नयी दिल्ली : बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने स्पष्ट किया कि उनकी अपने पूर्ववर्ती शशांक मनोहर की तरह आईसीसी पद में कोई ‘दिलचस्पी’ नहीं है और इस समय उनका पूरा ध्यान भारतीय क्रिकेट के अधिकारों की रक्षा पर लगा हुआ है. मनोहर की ओर इशारा करते हुए ठाकुर ने कहा, ‘‘जिसे आईसीसी जाना था, […]
अगर आप भारत के बारे में नहीं सोचते तो किसी अन्य देश के बारे में सोचना मुश्किल होगा. आज भारत है इसलिये विश्व क्रिकेट फल फूल रहा है. ” ठाकुर चैम्पियंस ट्राफी के लिये 13.50 करोड़ डालर आवंटित किये जाने, दो टीयर प्रणाली और द्विपक्षीय सीरीज के प्रसारण अधिकारों के केंद्रीकृत विपणन को लेकर मनोहर के खिलाफ हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आईसीसी से कोई टकराव नहीं है.
दुनिया में क्रिकेट के फायदे के लिये जो भी कदम उठाये जाने की जरुरत है, बीसीसीआई उन्हें उठा चुका है. अगर बजट पारित किया गया है और जो देश -भारत- सबसे बड़ा बाजार है, उससे वित्तीय समिति में शामिल नहीं किया जाता और अचानक आपको इसके बारे में पता चलता है तो आपको इस मुद्दे को देखना होगा.” उन्होंने कहा, ‘‘आज अन्य देशों को भारत से कहीं ज्यादा धन राशि की जरुरत है. जब हमसे हमारा हिस्सा काटने की बात पूछी जाती है तो हम सुझाव देते हैं कि आईसीसी को अपने टूर्नामेंट के खर्चों में कटौती करनी चाहिए. ”
चैम्पियंस ट्राफी के लिये आवंटित राशि में से आईसीसी लंदन में कार्यालय बनायेगा जो टूर्नामेंट खत्म होने के बाद इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड को सौंप दिया जायेगा. ठाकुर ने कहा, ‘‘आईसीसी ने विभिन्न देशों में टूर्नामेंट आयोजित किये हैं और किसी भी देश में उन्होंने कोई ढांचा नहीं बनाया है और यह आईसीसी पर निर्भर करता है कि वे ढांचा बनाना चाहते हैं या नहीं.
इसका मतलब है कि अगर भारत चैम्पियंस ट्राफी या विश्व कप 2023 की मेजबानी करता है तो ढांचा बनाने में ही 100 करोड़ रुपये खर्च हो जायेंगे. मेरा मतलब है कि धन राशि कहां खर्च की जा रही है, इसके लिय कुछ तर्कसंगिता होनी चाहिए क्योंकि यह राशि 105 देशों की है. ”
ठाकुर ने लोढ़ा समिति को आमंत्रित किया कि वह देखे कि बीसीसीआई घरेलू सत्र का आयोजन कैसे करता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं न्यायमूर्ति लोढ़ा से अनुरोध करुंगा कि वे अपने सदस्यों के साथ आयें और देखें कि किस तरह घरेलू सत्र शुरू होंगे और बीसीसीआई दुनिया के सबसे बड़े घरेलू सत्र की मेजबानी किस तरह करता है. हम किस तरह से अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी में सफल रहे हैं. ”
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