ग्रेटर नोएडा : गुलाबी गेंद से बीसीसीआई का दिन-रात्रि क्रिकेट का पहला प्रयास अपने अंतिम पडाव पर पहुंच गया है और कल से शुरू हो रहे दलीप ट्रॉफी फाइनल में इंडिया ब्ल्यू और इंडिया रेड की टीमें आमने सामने होंगी जिनमें राष्ट्रीय टीम के कई मौजूदा खिलाडी शामिल हैं.
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दलीप ट्रॉफी फाइनल में आमने-सामने होंगे भारत के स्टार खिलाड़ी
ग्रेटर नोएडा : गुलाबी गेंद से बीसीसीआई का दिन-रात्रि क्रिकेट का पहला प्रयास अपने अंतिम पडाव पर पहुंच गया है और कल से शुरू हो रहे दलीप ट्रॉफी फाइनल में इंडिया ब्ल्यू और इंडिया रेड की टीमें आमने सामने होंगी जिनमें राष्ट्रीय टीम के कई मौजूदा खिलाडी शामिल हैं. गौतम गंभीर की अगुआई वाली इंडिया […]
गौतम गंभीर की अगुआई वाली इंडिया ब्ल्यू टीम में रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा शामिल हैं जबकि शिखर धवन युवराज सिंह की अगुआई वाली रेड टीम की ओर से खेलते हुए नजर आएंगे. न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला से पहले यह मैच कई खिलाडियों के पास अपनी दावेदारी पेश करने का मौका होगा.
रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा टीम इंडिया में मध्यक्रम में एक स्थान के लिए चुनौती पेश करेंगे जबकि रविंद्र जडेजा को बेहतर प्रदर्शन करना होगा क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव ने अब तक टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है.
धवन को भी टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज के स्थान के लिए लोकेश राहुल और मुरली विजय से चुनौती मिल रही है. भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को ब्रेक दिया गया है जिससे इस मुकाबले की चमक कुछ फीकी हो सकती है.
पहले मैच के पहले दिन 17 दिन विकेट गिरने के बाद दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद बल्लेबाजी के अनुकूल रही है. ओस ने भी बल्लेबाजों के लिए दूधिया रोशनी में खेलना आसान कर दिया है. राहुल के प्रदर्शन में निरंतरता रही है जबकि विजय ने शीर्ष क्रम में अच्छा प्रदर्शन किया है.
कप्तान कोहली पहले ही कह चुके हैं कि वह चाहते हैं कि रोहित अधिक टेस्ट खेलें क्योंकि वह मैच का रुख बदल सकते हैं और इस मैच में बेहतर प्रदर्शन से कप्तान का उन पर भरोसा बढ़ेगा. दूसरी तरफ ग्रीन टीम के खिलाफ 166 रन की पारी खेलने वाले पुजारा एक और बडी पारी खेलने के इरादे से उतरेंगे.
दोनों कप्तानों की बात करें तो गंभीर लगातार तीन अर्धशतक जड चुके हैं लेकिन जहां तक राष्ट्रीय टीम का सवाल है तो वह फिलहाल चयनकर्ताओं की योजना का हिस्सा नजर नहीं आते. युवराज के साथ भी यही स्थिति है. वह टूर्नामेंट में दो पारियों में अब तक छाप छोडने में विफल रहे हैं.
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