रवि शास्त्री ने कहा, बेपटरी हो गयी है भारतीय गेंदबाजी
कीवी बल्लेबाज विलियम्सन ने लगातार पांच अर्धशतक लगाने का रिकार्ड बनाया
वेलिंगटन : न्यूजीलैंड ने आज यहां पांचवें और अंतिम एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में लचर प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम को 87 रन से मात देकर श्रृंखला 4- 0 से जीत ली जो मेहमान टीम की यहां वनडे श्रृंखला में सबसे खराब शिकस्त है.
भारत का मशहूर बल्लेबाजी क्रम एक बार फिर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और टीम 304 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 49.4 ओवर में 216 रन पर सिमट गयी.
मेहमान टीम ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिये, केवल विराट कोहली ही 82 रन की पारी खेल सके. न्यूजीलैंड के पदार्पण करने वाले गेंदबाज मैट हैनरी ने 38 रन देकर चार विकेट हासिल किये.इससे पहले रास टेलर (102) के लगातार दूसरे शतक से न्यूजीलैंड ने पांच विकेट पर 303 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया.
आकलैंड में तीसरा वनडे टाई रहा था, वर्ना भारत का इस निराशाजनक दौरे पर नेपियर, हैमिल्टन (दो बार) और आज यहां हार का सिलसिला जारी रहा. भारतीय टीम ने यह श्रृंखला 0 – 4 से गंवा दी, यहां आने से पहले भी उन्हें दक्षिण अफ्रीका से वनडे श्रृंखला में हार मिली थी.
भारतीय टीम 2002-03 में न्यूजीलैंड से सात मैचों की वनडे श्रृंखला 2 . 5 से हार गयी थी. भारत पिछली बार न्यूजीलैंड में 1975-76 और 1980-81 में एक भी मैच नहीं जीता था, दोनों श्रृंखला में टीम को 0 – 2 से मात मिली थी.
इससे पहले वेस्टपैक स्टेडियम में टेलर ने तब केन विलियम्सन (88) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 152 रन की साझेदारी की, जब न्यूजीलैंड ने 13वें ओवर में 41 रन के स्कोर पर दूसरा विकेट खो दिया था. विलियम्सन ने लगातार पांचवीं अर्धशतकीय पारी खेली.
टेलर की 106 गेंद की पारी में 10 चौके और एक छक्का जड़ा था जबकि विलियम्सन ने 91 गेंद का सामना करते हुए आठ चौके और एक छक्का लगाया.
भारत के लिए वरुण आरोन (60 रन देकर दो विकेट) सबसे सफल गेंदबाज रहे जबकि भुवनेश्वर कुमार (48 रन देकर एक विकेट) और मोहम्मद शमी (61 रन देकर एक विकेट) ने उन्हें सहयोग दिया. कोहली ने भी एक विकेट प्राप्त किया जबकि स्पिनर आर अश्विन (37 रन देकर) और रविंद्र जडेजा (54 रन देकर) को विकेट नहीं मिला.
दौरे पर पहली जीत दर्ज करने की कोशिश में जुटी भारतीय टीम की शुरुआत काफी धीमी रही, उन्हें दोहरे अंक का स्कोर बनाने में छह ओवर लगे और इस दौरान उसने रोहित शर्मा (04) के रूप में एक विकेट भी खो दिया.
रोहित पांचवें ओवर में केल मिल्स (35 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर टेलर को स्लिप में कैच दे बैठे. अंतिम एकादश में वापसी करने वाले शिखर धवन (09) भी असहज दिख रहे थे, उन्हें हैनरी ने पवेलियन भेजकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट झटका.
चार ओवर बाद जब स्कोर दो विकेट पर 30 रन था, अंजिक्य रहाणे (02) हैनरी की गेंद को चूक कर पगबाधा आउट हुए. भारतीय टीम करारी शिकस्त की ओर बढ़ रही थी, इस दौरान कोहली ने कुछ राहत दी और उन्हें अम्बाती रायुडू के रुप में थोड़ा सहयोग मिला. रायुडू (40 गेंद में दो चौके) ने क्रीज पर जमने में थोड़ा समय लिया लेकिन वह 20 रन से आगे नहीं बढ़ सके. हैनरी की गेंद को स्क्वायर पर हिट करने के प्रयास में रायुडू शाट खेलने के लिये थोड़े बाहर आये और गेंद सीधे विलियम्सन के हाथों में समा गयी.
भारत के लिए यह बड़ा झटका था क्योंकि दोनों बल्लेबाजों ने 4.5 रन प्रति ओवर से 64 गेंद में 48 रन जोड़ लिये थे. फिर टीम महेंद्र सिंह धौनी और कोहली पर निर्भर थी, इन दोनों ने काफी प्रयास किया और पांचवें विकेट के लिए 61 गेंद में 67 रन की साझेदारी निभायी.
पारी के 30वें ओवर में कोहली ने अपना 30वां वनडे अर्धशतक जमाया, इसके लिए उन्होंने 60 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्का जड़ा. लेकिन रन गति 10 रन प्रति ओवर चली गयी और कोहली ने बड़े शाट खेलने की कोशिश की और उन्हें थोड़ी सफलता भी मिली.
लेकिन 37वें ओवर में नाथन मैकुलम की गेंद पर लांग आन में स्थानापन्न पीटर यंग-हसबैंड को कैच दे बैठे. उन्होंने 78 गेंद में सात चौके और तीन छक्के से 82 रन बनाये.
निचले क्रम में अश्विन (07) और जडेजा (05) धौनी की कोई मदद नहीं कर सके. धौनी (72 गेंद में 47 रन) भी 45वें ओवर में विलियम्सन (19 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर शाट लगाने के प्रयास में लांग ऑफ पर कैच दे बैठे.
भुवनेश्वर (25 गेंद में एक चौके से 20 रन) हैनरी का चौथा शिकार बने. जेम्स नीशाम (45 रन देकर एक विकेट) के आरोन को बोल्ड करते ही भारतीय पारी समाप्त हो गयी.
इससे पहले धौनी ने लगातार पांचवीं बार टॉस जीता और गेंदबाजी का फैसला किया. शुरुआती तीन मैचों में भी उन्होंने ऐसा ही किया था.
भुवनेश्वर और शमी ने हालात का अच्छा इस्तेमाल करते हुए सलामी बल्लेबाजों को कसी गेंदबाजी की. शमी ने दो मेडन ओवर से शुरुआत की जिससे पहले पांच ओवरों में केवल 10 रन जुड़े.
जेसी राइडर (17 रन) ने दबाव कम करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा करते हुए आठवें ओवर में अपना विकेट गंवा बैठे. अंजिक्य रहाणे ने गली में दूसरे प्रयास में उनका कैच लपका.
पहले 10 ओवर में सिर्फ 31 रन बने, मार्टिन गुप्टिल (16 रन, 35 गेंद, दो चौके) इसके तुरंत बाद आउट हो गये. 13वें ओवर में आरोन की गेंद पर शमी ने उनका कैच लिया. इस गेंदबाज ने राहत की सांस ली क्योंकि इससे पहले उसने गुप्टिल का कैच छोड़ दिया था, तब वह नौ रन पर थे.
लेकिन टेलर और विलियम्सन ने मध्य के ओवरों में भारतीय गेंदबाजों को छकाते हुए 151 गेंद में 152 रन अटूट साझेदारी कर बड़े स्कोर की नींव रखी. इन दोनों ने 37वें ओवर में यह साझेदारी कर ली थी.
इस दौरान विलिम्यसन ने श्रृंखला में अपना लगातार पांचवां और वनडे में ओवरआल 11वां अर्धशतक जड़ा. इस तरह उन्होंने पाकिस्तान के यासिर हमीद की 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उपलब्धि की बराबरी की और ऐसा करके वह यह कारनामा करने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गये. विलिम्यसन आरोन की गेंद पर रहाणे को कैच दे बैठे और एक बार फिर शतक से चूक गये.
ब्रैंडन मैकुलम 23 रन बनाकर विराट कोहली की गेंद पर रोहित को कैच देकर पवेलियन पहुंचे. टेलर ने इसके बाद श्रृंखला में लगतार दूसरा और ओवरआल 10वां शतक पूरा किया. वह हैमिल्टन में चौथे वनडे में 112 रन बनाकर नाबाद रहे थे. उन्होंने यह उपलब्धि 48वें ओवर में पूरी की. वह इसके तुरंत बाद शमी की गेंद पर डीप में कैच देकर आउट हो गये.
युवा जेम्स नीशाम ने इसके बाद जिम्मेदारी संभाली, उन्होंने 19 गेंद में तीन चौके और दो छक्के से 34 रन बनाये और न्यूजीलैंड को 300 रन का आंकड़ा पार कराया. 23 वर्षीय नीशाम ने 50वें ओवर में शमी पर 17 रन जुटाये. ल्यूक रोंची भी 11 रन बनाकर उनके साथ नाबाद रहे. डेथ ओवरों में भारतीय गेंदबाज ठीक थी, लेकिन आखिर में तेजी से देने से टीम ने अंतिम 10 ओवरों 91 रन गंवा दिये.