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बीसीसीआई को दुनिया की सबसे प्रभावशाली क्रिकेट संस्था का दर्जा

दुबई: क्रिकेट प्रशासन के वैश्विक ढांचे को बदलाव करने वाली महत्वपूर्ण योजना और बीसीसीआई का दुनिया की सबसे प्रभावशाली क्रिकेट संस्था का दर्जा मंगलवार को औपचारिक रुप से स्वीकार कर दिया गया क्योंकि यहां आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उसकी अधिकतर मांगों को सर्वसम्मति से पारित किया जा रहा है. अभी तक हालांकि ‘पोजीशन […]

दुबई: क्रिकेट प्रशासन के वैश्विक ढांचे को बदलाव करने वाली महत्वपूर्ण योजना और बीसीसीआई का दुनिया की सबसे प्रभावशाली क्रिकेट संस्था का दर्जा मंगलवार को औपचारिक रुप से स्वीकार कर दिया गया क्योंकि यहां आईसीसी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में उसकी अधिकतर मांगों को सर्वसम्मति से पारित किया जा रहा है.

अभी तक हालांकि ‘पोजीशन पेपर’ को पेश नहीं किया गया है और राजस्व के बंटवारों के कुल प्रतिशत का खुलासा भी नहीं किया गया है लेकिन फैसलों से निश्चित तौर पर बीसीसीआई खुश होगा क्योंकि अब इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के साथ विश्व क्रिकेट संस्था पर उसका सबसे अधिक नियंत्रण रहेगा.

पहले दिन की समाप्ति के बाद आईसीसी द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘प्रमुख सदस्यों को साथ लेकर आईसीसी को मजबूत नेतृत्व प्रदान करने की जरुरत है जिसमें बीसीसीआई केंद्रीय नेतृत्व की जिम्मेदारी लेगा. ’’ बीसीसीआई की दो स्तरीय टेस्ट प्रारुप में ‘बिग थ्री’ को महत्व देने की मांग खारिज कर दी गयी लेकिन 2015 से 2023 तक विशिष्ट द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के समझौते पर फैसला करने का अधिकार उन्हें मिल गया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘‘संचालन स्तर पर नेतृत्व प्रदान करने के लिये कार्यकारी समिति और वित्तीय एवं व्यावसायिक समिति का गठन पांच सदस्यों को मिलाकर किया जाएगा जिसमें बीसीसीआई, सीए और ईसीबी के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. ’’

इसके साथ ही बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के जून 2014 के बाद आईसीसी बोर्ड के चेयरमैन बनने का रास्ता भी साफ कर दिया गया क्योंकि पहला चेयरमैन बीसीसीआई से होगा. इसी तरह से क्रिकेट आस्ट्रेलिया का प्रतिनिधि कार्यकारी समिति जबकि ईसीबी का प्रतिनिधि वित्त एवं व्यावसायिक समिति का चेयरमैन होगा.बीसीसीआई को प्रस्तावित विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को हटाने और चैंपियन्स ट्राफी (50 ओवरों का प्रारुप) बनाये रखने में भी सफलता मिली. आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट हर चार साल में आयोजित किये जाएंगे.

आईसीसी बोर्ड ने ‘टेस्ट क्रिकेट कोष’ गठित करने का फैसला किया जिसमें अन्य सदस्यों (बीसीसीआई, सीए और ईसीबी को छोड़कर) को टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिये समान भुगतान किया जाएगा.विज्ञप्ति के अनुसार आईसीसी अध्यक्ष एलन इशाक ने कहा, ‘‘यह विश्व क्रिकेट के लिये महत्वपूर्ण समय है और यह वास्तव में उत्साहजनक है कि आईसीसी बोर्ड ने दूरगामी सिद्वांतों का सर्वसम्मति से समर्थन किया. ये इस वैश्विक खेल की दीघकालिक समृद्धि के लिये महत्वपूर्ण होंगे. ’’

इसाक ने कहा, ‘‘इन सिद्वांतों में टेस्ट क्रिकेट की श्रेष्ठता पर जोर दिया गया है और क्रिकेट इतिहास में पहली बार भागीदारी पूरी तरह से योग्यता पर आधारित होगी. इसमें प्रत्येक को बेहतर क्रिकेट खेलने और बेहतर क्रिकेटर पैदा करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा. ’’ इसाक ने आईसीसी के तीन सदस्यों द्वारा जारी पोजीशन पेपर के मसौदे के लीक होने के बाद बनी गलतफहमी पर भी निराशा जतायी.

उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में निराशाजनक है कि इन सदस्यों के पोजीशन पेपर का मसौदा लीक हो गया क्योंकि इससे बहस शुरु हो गयी. इससे सभी सदस्यों के बीच चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज कर दिया गया और इस प्रक्रिया में शामिल कई को बेमतलब की आलोचना ङोलनी पड़ी. ’’ इशाक ने कहा, ‘‘कई महीने पहले मैंने बीसीसीआई, सीए और ईसीबी को रचनात्मक बहस में शामिल होने के लिये उत्साहित किया था ताकि यह खेल वित्तीय और शासन संबंधी जिन प्रमुख मसलों का सामना कर रहा है उनका समाधान करने में मदद मिले. इन प्रमुख देशों ने दस्तावेज तैयार करने में कड़ी मेहनत की. ’’ आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के व्यापक सेट को तैयार करने के लिये अथक प्रयास किये गये जिसमें सभी सदस्यों की राय शामिल है. बोर्ड में बहुत रचनात्मक, समावेशी, व्यापक और दूरगामी चर्चा हुई. मैं वैश्विक खेल के क्रिकेट ढांचे से जुड़े प्रस्तावित और स्वीकार्य सिद्वांतों की सफल बनाने को लेकर उत्सुक हूं. ’’

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