भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के करीबी मित्र माने जानेवाले सुरेश रैना, आर अश्विन और इशांत शर्मा लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो रहे हैं. इसके बावजूद धौनी इन खिलाड़ियों को लगातार टीम में बनाये रखने पर जोर देते हैं. इनके खराब प्रदर्शन का खमियाजा भारत को मैच गंवा कर भुगतना पड़ रहा है.
* रविचंद्रन अश्विन
तमिलनाडु के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के प्रति धौनी का लगाव किसी से छिपा नहीं है. विदेशी जमीन पर अब तक अश्विन खुद को साबित नहीं कर पाये हैं. पिछले कुछ महीनों में उनका प्रदर्शन और भी कमजोर रहा है. वह दक्षिण अफ्रीका में वनडे और टेस्ट सीरीज दोनों में फेल रहे. दूसरे टेस्ट में उन्हें बाहर रखा गया, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में एक बार फिर वह दो मैचों में टीम इंडिया की अंतिम एकादश में शामिल रहे. जम्मू-कश्मीर के परवेज रसूल लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है.
– 01 विकेट लिया है अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पिछले 88 ओवर की गेंदबाजी में
* इशांत शर्मा
इशांत के बाल की तरह उनके खराब प्रदर्शन की लिस्ट भी अब काफी लंबी हो गयी है. वह सात-आठ मैच में एक बार अच्छा प्रदर्शन करते हैं और फिर अगले कई मैचों तक पिटते रहते हैं. उनकी गेंदबाजी में वेरियेशन ना के बराबर है. गेंद नयी हो या पुरानी, इशांत का हश्र एक जैसा होता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के मैच में जेम्स फॉकनर ने इशांत के एक ओवर में 30 रन पीट डाले थे. दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट मैचों में लगा कि इशांत सुधर गये हैं, लेकिन वनडे टीम में लौटते ही एक बार फिर उनकी लाइन-लेंथ भटक गयी है.
– 06 बार वनडे क्रिकेट में 60 या इससे अधिक रन लुटा चुके हैं इशांत पिछले एक
– गंभीर की अनदेखी : दिल्ली और कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान गौतम गंभीर ने रणजी सत्र के दौरान लय हासिल कर ली, लेकिन उनकी उपेक्षा हुई.
– वरुण को कब देंगे मौका : धौनी के गृह राज्य के वरुण एरॉन फिट हो चुके हैं. लेकिन, लगातार विफल रहने के बावजूद इशांत और भुवनेश्वर को बाहर नहीं किया जा रहा.
* सुरेश रैना
शॉर्ट पिच्ड गेंदें सुरेश रैना की दुश्मन हैं. विदेशी मैदान पर अधिकांश टीमें रैना के खिलाफ इस हथियार का इस्तेमाल करती है और सफल भी होती है. इसके बावजूद रैना को टीम में बरकरार रखा जाता है. रैना भी अश्विन की ही तरह आइपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स टीम का हिस्सा हैं. वह अच्छा खेलें या खराब, टीम मैनेजमेंट की कृपा उन पर बनी रहती है. पिछली 23 वनडे पारियों में वह सिर्फ एक अर्द्धशतक जमा पाये हैं, वह भी जिंबाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ.
– 23 पिछली वनडे पारियों में सिर्फ एक अर्द्धशतक जमा पाया है बायें हाथ का यह बल्लेबाज
* भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के साथ ही सबको प्रभावित किया. गेंद को दोनों ओर स्विंग करा लेने की क्षमता उनकी खासियत रही है. लेकिन, पिछले कुछ समय से उनकी धार कुंद पड़ती दिख रही है. उनके पास रफ्तार नहीं है और जब स्विंग नहीं मिलता है, तो वह बेअसर हो जाते हैं. डेथ ओवर में उनकी गेंदबाजी कतई प्रभावशाली नहीं है. वेस्टइंडीज के खिलाफ गत वर्ष त्रिकोणीय सीरीज तक वह लय में थे. लेकिन, इसके बाद उन्हें अपेक्षारकृत सफलता नहीं मिली है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी वह फ्लॉप रहे थे.
– 07 विकेट ही ले पाये हैं भुवनेश्वर कुमार पिछले 11 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में