कोलकाता : पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को आज बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जिससे जगमोहन डालमिया के निधन के बाद इस पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति को लेकर बनी असमंजस की स्थिति भी समाप्त हो गयी. गांगुली को अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की घोषणा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में कैब के सीनियर अधिकारियों और राज्य सरकार के मंत्रियों की उपस्थिति में की.
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में डालमिया के पुत्र अभिषेक को दो संयुक्त सचिवों में से एक पद पर नियुक्त किया गया. वह गांगुली की जगह लेंगे. सुबीर गांगुली दूसरे संयुक्त सचिव की भूमिका पहले की तरह निभाते रहेंगे जबकि विश्वरुप डे भी कोषाध्यक्ष बने रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने जहां आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया कि यह फैसला कैब अधिकारियों ने किया और वह केवल राज्य में क्रिकेट के खेल को आगे बढ़ाने में अपना समर्थन जताने के लिये वहां मौजूद थी लेकिन जाहिर था कि स्वर्गीय डालमिया के स्थान पर गांगुली को नियुक्त करने में सरकार ने हस्तक्षेप किया.
मुख्यमंत्री बनर्जी ने खेल मंत्री अरुप बिस्वास की मौजूदगी में कहा, ‘‘उनकी (डालमिया) के निधन के बाद हम बडे संकट से गुजर रहे थे. किसी को कैब प्रमुख बनना था. डालमिया क्रिकेट को बहुत चाहते थे. इसलिए जरुरी था कि (यह पद संभालने वाला) व्यक्ति उनका करीबी होना चाहिए. क्रिकेट परिवार महत्वपूर्ण है. मेरी आप सभी एकजुट बने रहने का आग्रह है. एक बने रहें और जग्गू दा की विरासत आगे बढायें. ‘
कैब के कुछ अधिकारी जहां सत्ताधारी पार्टी के हस्तक्षेप पर निर्भर थे लेकिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारियों ने ही स्वयं यह फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हस्तक्षेप करना सही नहीं था. मैं केवल चाहती थी कि वे अच्छा काम करें. मैं केवल एक साथी के रुप में उनके साथ थी. उन्होंने मिलकर यह फैसला किया.
‘ बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे इसकी घोषणा नहीं करनी चाहिए थी लेकिन उन सभी ने मुझसे आग्रह किया. मुझे लगा कि सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ी जिन्होंने कई वर्षों तक देश की अगुवाई की, को अब यह भूमिका निभानी चाहिए और उन्हें अभिषेक, सुबीर, विश्वरुप और अन्य सभी सीनियर सदस्यों के रुप में टीम बनानी चाहिए.
‘ गांगुली ने इस अवसर पर कहा, ‘‘जिंदगी में कुछ भी नयी चुनौती होती है. मुझे विशेष तौर पर इसकी खुशी है कि अभिषेक प्रशासन में आया क्योंकि यह उनके लिये बेहद भावनात्मक समय है. मैं, विश्वरुप, सुबीर मिलकर काम करेंगे और किसी तरह की समस्या नहीं होगी. हमारे 117 (असल में 121) सदस्य हैं और हम सभी फैसला करेंगे. ‘ डालमिया जूनियर को खेल प्रशासन को कोई अनुभव नहीं है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में उन्हें सबसे अधिक फायदा हुआ. जिन दो लोगों से सबसे अधिक नुकसान हुआ उनमें कोषाध्यक्ष डे और सीनियर संयुक्त सचिव सुबीर हैं जो चुनाव चाह रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद यह विकल्प समाप्त हो गया.
ममता बनर्जी अच्छी तरह से जान रही थी कि राज्य सचिवालय में इसकी घोषणा करने से आलोचना हो सकती है और इसलिए वह लगातार इस पर जोर दे रही थी कि यह विवादमुक्त होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘कृपया राज्य सचिवालय को इसमें शामिल नहीं करे. मैं कुछ नहीं हूं. उन्होंने यह फैसला किया. कृपया इसमें कोई विवाद नहीं जोडें. यह उनका फैसला है और वे सभी क्रिकेट प्रेमी हैं.
‘ बनर्जी ने कहा कि डालमिया के निधन के बाद कैब को अभिभावक की जरुरत थी और इसलिए यह फैसला जुलाई 2016 में होने वाले संघ के चुनावों तक किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘जग्गू दा के निधन के बाद कैब अध्यक्षविहीन था और अब उन्होंने जुलाई में होने वाले अगले चुनाव तक सौरव को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है और उनके स्थान पर अभिषेक संयुक्त सचिव होंगे.
‘ गांगुली ने भी मुख्यमंत्री की हां में हां मिलायी. प्रिंस ऑफ कोलकाता ने कहा, ‘‘उन्होंने जैसा कहा यह उनका फैसला नहीं था. उन्होंने सदस्यों से बात की. मेरे लिये यह सब कुछ नहीं है. वे जो मुझसे चाहेंगे मैं वह करुंगा. मैं तुरंत पद भार संभालूंगा क्योंकि हमें आठ अक्तूबर को मैच खेलना है. ‘ अभिषेक ने कहा, ‘‘बंगाल क्रिकेट में जब भी कोई संकट आया तो उन्होंने (बनर्जी) हमेशा अपना सहयोग दिया. मेरे पिता भी जब परेशानी में होते थे तो उन्होंने हमेशा उन्हें अपने साथ पाया. ‘