नयी दिल्ली : डालमिया के निधन के बाद दुनिया के सबसे शक्ति शाली क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख का पद खाली हो गया है. इस पद के लिए एक बार फि र दि ग्गजों के बीच घमासान होने की उम्मी द है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बीच एन श्रीनिवासन फिल हाल प्रत्यक्ष तौर पर संघर्ष में नजर नहीं आयेंगे. लेकिन , भारतीय क्रिकेट की राजनीति में अब भी वे बड़े खिलाड़ी हैं. बोर्ड अध्यक्ष पद के लि ए होने वाला चुनाव भी मुख्यत : श्रीनिवासन के समर्थक और विरोधी गुट के बीच ही होगा. नये अध्यक्ष का चयन तभी हो सकता है, जब बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर आमसभा की वि शेष बैठक बुलाये. बीसीसीआइ के एक अधि कारी ने बताया, ‘बोर्ड के संविधान की धारा 16 डी में कहा गया है कि अध्यक्ष का निधन होने पर बोर्ड सचिव आमसभा की विशेष बैठक बुलाने का नोटिस जारी करेगा. 21 दिन के भीतर यह बैठक बुलायी जानी चाहिए, जिसमें अंतरिम अध्यक्ष का चयन होगा.’ हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह बुला सकेंगे या नहीं चूंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ही कार्यसमि ति की बैठक की अगली तारीख तय हो सकती है.
एक नाम पर सहमित बनी तो मतदान जरूरी नहीं
वर्ष 2017 तक बोर्ड अध्यक्ष पद के लि ए उम्मी दवार नामित करने का अधि कार ईस्ट जोन के पास है. अगर ईस्ट जोन के सभी सदस्य एक ही नाम पर सहमत हो जाते हैं, तो फि र मतदान की आवश्य कता नहीं पड़े गी.
अध्यक्ष पद के चुनाव के टर्म्स एंड कंडीशंस
इस्ट जोन द्वारा नामि त होना जरूरी. वर्ष 2017 तक इस्ट जोन को ही अध्यक्ष पद के उम्मी दवार को नामि त करने का अधिकार है. हालांकि इस्ट जोन के सदस्य जोन से बाहर के व्यकि्त को भी नामित कर सकते हैं. इस्ट जोन में अभी छह फुल टाइम मेंबर हैं. ये मेंबर बंगाल, ओड़ि शा,झारखंड, असरम, त्रिपुरा और कोलकाता नेशनल क्रिकेट क्लब हैं. इस तरह कम से कम एक और अधिक से अधिक छह उम्मी दवार हो सकते हैं. अगर ईस्ट जोन के सभी सदस्य एक नाम पर राजी हो जायें (जैसा कि इस साल मार्च में डालमि या को लेकर हुआ था) तो एक ही उम्मी दवार होगा और उसका अध्यक्ष बनना तय हो जायेगा. ऐसी भी स्थिति हो सकती है कि इस्ट जोन का हर मेंबर अपना अलग-अलग उम्मी दवार उतारे. चुनाव वही व्यक् ति लड़ सकता है जो कम से कम दो बार बीसीसीआइ का एजीएम अटेंड कर चुका हो और पहले ऑफि स बि यरर (अध्यक्ष, सचिव ,कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव ) या उपाध्यक्ष रह चुका हो.
लोकप्रिय क्रिकेटर फि लहाल नहीं बन सकता अध्यक्ष
कई क्रिकेट प्रेमि यों का मानना है कि सौरभ गांगुली या सचि न तेंडुलकर के कद के कि सी खि लाड़ी को बोर्ड अध्यक्ष बनायाजाना चाहिए. लेकि न, बोर्ड अध्यक्ष चुनाव के जो नि यम हैं, उसके तहत ये क्रिकेटर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अर्हतानहीं रखते हैं. सचि न और गांगुली ही नहीं कई पूर्व क्रिकेटर भी ऑफि स बि यरर होने के लि ए कम से कम दो बार एजीएमअटेंड करने की अर्हता पूरी नहीं करते हैं. ये तभी मुकाबले में आ सकते हैं, जब चुनाव के नि यम बदले जायें.