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सचिन ने किया महेंद्र सिंह धौनी का समर्थन

पर्थ : अभ्यास सत्रों से अचानक ब्रेक लेने की भारतीय क्रिकेट टीम की रणनीति भले ही कइयों को रास नहीं आयी हो लेकिन सचिन तेंदुलकर ने महेंद्र सिंह धौनी के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि तरोताजा रहने और अतिरिक्त अभ्यास से ज्यादा बोझ नहीं लेने के बीच उचित संतुलन जरूरी है.भारत और […]

पर्थ : अभ्यास सत्रों से अचानक ब्रेक लेने की भारतीय क्रिकेट टीम की रणनीति भले ही कइयों को रास नहीं आयी हो लेकिन सचिन तेंदुलकर ने महेंद्र सिंह धौनी के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि तरोताजा रहने और अतिरिक्त अभ्यास से ज्यादा बोझ नहीं लेने के बीच उचित संतुलन जरूरी है.भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच देखने कल मेलबर्न में मौजूद विश्व कप के ब्रांड दूत तेंदुलकर ने आईसीसी के आधिकारिक मीडिया जोन में जारी ऑडियो में कहा , सफलता के लिए सफल संयोजन जरूरी है.

धौनी हमेशा अभ्यास और रिकवरी के बीच संतुलन के हिमायती रहे हैं और तेंदुलकर ने भी उनके सुर में सुर मिलाया. उन्होंने कहा , तरोताजा रहने और अतिरिक्त अभ्यास सत्रों से खुद पर ज्यादा बोझ नहीं डालने के बीच संतुलन जरूरी है. निश्चित तौर पर यदि कोई अच्छा नहीं खेल रहा है तो उसे ज्यादा से ज्यादा अभ्यास की जरूरत है लेकिन सब कुछ ठीक है तो ऊर्जा बचाकर सही समय पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना जरूरी है. तेंदुलकर ने कहा कि टी20 क्रिकेट के आने और नई फील्डिंग पाबंदियों से अब नौ से अधिक रन प्रति ओवर की दर से भी लक्ष्य का पीछा करना संभव है.

उन्होंने कहा , इतने बड़े स्कोर वाले मैच होने के दो कारण है. पहला तो नियम में बदलाव क्योंकि अब सर्कल के बाहर एक फील्डर कम होता है. इससे गेंदबाज को अलग तरीके से गेंदबाजी करनी पडती है और काफी फर्क हो जाता है. उन्होंने कहा , दूसरा कारण टी20 क्रिकेट है जिसमें बल्लेबाज को अधिक जोखिमभरे और नये शाट्स खेलने का मौका मिलता है. इसका नेट्स पर काफी अभ्यास किया जाता है. अस्सी और नब्बे के दशक में कहां बल्लेबाज तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्वीप खेलते थे लेकिन अब ऐसा हो रहा है.
तेंदुलकर ने कहा , अब आठ रन प्रति ओवर की दर से भी रन बन रहे हैं. टी20 में तो नौ से अधिक की दर से भी लक्ष्य हासिल किया जा रहा है. खिलाड़ियों में यह भरोसा पैदा हो गया है कि नौ रन प्रति ओवर की औसत से भी लक्ष्य का पीछा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लगातार दूसरी बार विश्व कप का ब्रांड दूत बनकर वह गौरवान्वित हैं.
उन्होंने कहा ,मैं 2011 और 2015 विश्व कप का ब्रांड दूत बनाने के लिए आईसीसी को धन्यवाद देता हूं. मुझे याद है कि मैं 1987 विश्व कप में 14 बरस का बाल ब्वॉय था और ड्रेसिंग रूम के बाहर बैठा रहता था. वहां से 2015 विश्व कप का ब्रांड दूत बनने तक का सफर बहुत खास है. छह विश्व कप खेल चुके तेंदुलकर के लिए एमसीजी के हास्पिटेलिटी बाक्स से टूर्नामेंट को देखना नया अनुभव रहा.
उन्होंने कहा , मैं दीर्घा से विश्व कप देख रहा हूं और यह नया अनुभव है. अभी तक यह टूर्नामेंट काफी रोमांचक रहा है. हमने कुछ उलटफेर देखे. टीमों ने प्रतिस्पर्धी और अच्छा क्रिकेट खेला है और आने वाले मैचों में भी ऐसा ही देखने को मिलेगा.

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