मेलबर्न : भारतीय क्रिकेट टीम के कोच डंकन फ्लैचर ने आज ऑस्ट्रेलिया में भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन पर उनका बचाव किया. उन्होंने कहा कि मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने उनमें से कुछ की अनुभवहीनता का फायदा उठाया.
फ्लैचर ने ऑस्ट्रेलिया से चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-2 से हार में भारत की गेंदबाजी का आकलन करने को कहा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है लेकिन इसके साथ ही कोच ने कहा कि गेंदबाजों की कुछ आलोचनाएं बेवजह की गयी.
भारत के विदेशों में खराब प्रदर्शन के कारण अक्सर आलोचनाएं झेलने वाले फ्लैचर ने कहा, मैं सहमत हूं कि गेंदबाजों के साथ काफी काम किया जाना बाकी है और उन्हें टेस्ट स्तर पर अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए. लेकिन मेरा इसके साथ ही मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाजों की कुछ बेवजह आलोचना भी की गयी.
फ्लैचर ने बीसीसीआई.टीवी से कहा, इन गेंदबाजों के लिए यह इस तरह की परिस्थितियों में अनुभव हासिल करने से जुड़ा मसला था. इस चीज को इशांत शर्मा ने पूरी श्रृंखला में दिखाया. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में होने वाले विश्व कप के बाद फ्लैचर का भारतीय कोच के रूप में अनुबंध समाप्त हो जाएगा. उन्होंने मोहम्मद शमी और उमेश यादव का भी बचाव किया और कहा कि इन दोनों तेज गेंदबाजों ने अपने कुछ ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया.
फ्लैचर ने कहा, टेस्ट श्रृंखला में सर्वाधिक विकेट लेने वालों पर गौर करें. शमी ( 35 . 80 की औसत से 15 विकेट ) ने मिशेल जानसन ( 35 . 53 की औसत से 13 विकेट ) से अधिक विकेट लिये और उनका औसत लगभग समान रहा. और यह शमी का यहां का पहला दौरा था. उन्होंने कहा, उमेश ( 11 ) ने जोश हेजलवुड ( 12 ) से एक विकेट कम लिया और उन्होंने ऐसा प्रदर्शन तब किया जबकि वह टेस्ट और वनडे टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं जो कि किसी भी गेंदबाज के आत्मविश्वास और लय के लिए सही नहीं है. उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर खुशी जतायी लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें शाट के अपने चयन पर काम करना होगा.
जिम्बाब्वे के इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, यह देखकर अच्छा लगा कि लगभग सभी बल्लेबाजों ने रन बनाये विशेषकर विराट का प्रदर्शन बेजोड़ रहा. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में वनडे में भी अच्छा प्रदर्शन किया है और उम्मीद है कि वह इसे जारी रखेंगे. वह सकारात्मक सोच वाले इंसान हैं जिनका टीम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.