नयी दिल्ली : क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ अपना कड़ा रवैया बरकरार रखते हुए पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष आई एस बिंद्रा ने कहा कि खेल को बदनाम करने के लिए केवल खिलाडि़यों पर ही दोष नहीं मढ़ा जाना चाहिए.
बिंद्रा ने अपने ब्लॉग में लिखा, हमें यह धारणा नहीं बनानी चाहिए कि खेल में सभी बुराइयों और भ्रष्टाचार के लिये केवल खिलाड़ी ही जिम्मेदार हैं. मेरा सुझाव है कि हमें अपना सफाई अभियान शीर्ष से शुरु करना चाहिए और प्रशासकों को उदाहरण पेश करना चाहिए. उन्हें नैतिक आचरण और उच्च नैतिक मानकों के लिये आगे आना चाहिए.
बिंद्रा ने कहा कि बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों का तब क्रिकेटरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है जबकि वे स्वयं हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रहे हों. उन्होंने कहा, प्रशासक जो कि हितों के टकराव के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं उन्हें खिलाडि़यों के लिये मानक तय करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इसके अलावा बोर्ड का कामकाज पूरी तरह से पारदर्शी होना चाहिए. बिंद्रा ने कहा, इसकी बैलेंस शीट और संविधान वेबसाइट पर दिया जाना चाहिए. क्रिकेट प्रेमी जनता के साथ लगातार बातचीत होनी चाहिए और उनके उपयोगी सुझावों को स्वीकार करना चाहिए.
बिंद्रा ने विशेष रुप से बीसीसीआई के अंतरिम समूह के प्रमुख जगमोहन डालमिया से नाखुश दिखे जिन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के सभी विवादों के लिये खिलाडि़यों में दोष ढूंढने की कोशिश की.
उन्होंने सोमवार की कार्यकारिणी की बैठक के संदर्भ में कहा, बैठक में जगमोहन डालमिया ने पूर्व में तैयार किया गया भाषण पढ़ा कि खिलाडि़यों के मोबाइल फोन ड्रेसिंग रुम में प्रवेश से पहले उनसे लिये जाने चाहिए. उनसे अपने बैंक खाते और अन्य टेलीफोन नंबर सौंपने के लिये कहा गया. बिंद्रा ने कहा, उन्होंने आईपीएल और आगामी चैंपियन्स लीग में चीयरलीडर्स, मैच के बाद की पार्टियों और डगआउट में मालिकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध की बात की.