टेस्ट क्रिकेट पर जलवायु परिवर्तन के असर से चिंतित हैं चैपल

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट को सिर्फ टी20 की बढ़ती लोकप्रियता ही नहीं बल्कि जलवायु परिवर्तन से भी खतरा है और दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. चैपल ने अपने लेख में लिखा, पांच दिवसीय मैचों का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 30, 2019 3:42 PM

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट को सिर्फ टी20 की बढ़ती लोकप्रियता ही नहीं बल्कि जलवायु परिवर्तन से भी खतरा है और दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.

चैपल ने अपने लेख में लिखा, पांच दिवसीय मैचों का करीब से निरीक्षण करने से संकेत मिलते हैं कि हमारे सामने कुछ गंभीर चुनौतियां हैं. इनमें दो सबसे बड़ी चिंता लंबे प्रारूप पर टी20 क्रिकेट और जयवायु परिवर्तन का प्रभाव है.

टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर अपनी चिंता साझा करते हुए चैपल ने लिखा, खेल पर जलवायु परिवर्तन का असर एक बड़ी चिंता है और इसका हल उन राजनीतिज्ञों की निर्णायक कार्रवाई पर निर्भर करता है, जो झुंझलाहट भरा मौन धारण किए रहते हैं.

उन्होंने कहा, सबसे पहले तो बढ़ते तापमान से खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. बारिश के कारण खेल में विलंब होने से अधिक हताशा भरा कुछ नहीं होता लेकिन कल्पना कीजिए कि सूरज की बेहद तेज रोशनी होने के कारण खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाना पड़े.

त्वचा के कैंसर से जूझने वाले इस पूर्व कप्तान ने कहा कि बेहद लंबे समय तक सूरज की रोशनी में रहने से खिलाड़ियों को उस तरह की बीमारी का सामना करना पड़ सकता है, जिसका सामना वह कर रहे हैं.

चैपल ने लिखा, यह हकीकत है कि अगर तापमान बढ़ता रहा तो खिलाड़ियों को लू लगने से या त्वचा के कैंसर से होने वाले नुकसान से बचाना होगा. मुकदमेबाजी के युग में क्रिकेट बोर्ड को सतर्कता से आगे बढ़ने की जरूरत है. इसमें कोई हैरानी नहीं कि दिन-रात्रि मैचों को टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अहम माना जा रहा है.

चिंतित चैपल ने कहा, इसके अलावा समुद्र का जलस्तर बढ़ने की भी चिंता है और अधिक क्रूर मौसमी घटनाएं जैसे विनाशकारी बवंडर और चक्रवात.

उन्होंने कहा, साथ ही कम बारिश का भी नुकसानदायक प्रभाव है, जिसके कारण एक टेस्ट मैच शहर कहे जाने वाले केपटाउन में हाल के वर्षों में पानी समाप्त होने की स्थिति में पहुंच गया है. चैपल ने कहा, ये घटनाएं चेतावनी दे रही हैं कि क्रिकेटरों और प्रशासकों को जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेने की जरूरत है.

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