पंत की विस्‍फोट पारी ने गांगुली और पोंटिंग को बनाया ”दीवाना”

नयी दिल्ली : विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दो दिग्गज क्रिकेटरों को अपना प्रशंसक बना लिया है जिसमें पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली शामिल है. पोंटिंग ने उन्हें ‘अलग ही लीग का खिलाड़ी करार दिया जबकि गांगुली ने उनकी बल्लेबाजी को ‘शानदार’ कहा. विश्व कप के लिए चुनी गयी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 23, 2019 5:02 PM

नयी दिल्ली : विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने दो दिग्गज क्रिकेटरों को अपना प्रशंसक बना लिया है जिसमें पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली शामिल है.

पोंटिंग ने उन्हें ‘अलग ही लीग का खिलाड़ी करार दिया जबकि गांगुली ने उनकी बल्लेबाजी को ‘शानदार’ कहा. विश्व कप के लिए चुनी गयी भारतीय टीम में जगह बनाने से चूके पंत ने सोमवार को राजस्थान रायल्स के खिलाफ 36 गेंद में नाबाद 78 रन की ताबड़तोड़ पारी खेल कर दिल्ली कैपिटल्स को जीत दिलायी.

इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज के शाट को देखकर टीम के बल्लेबाजी सलाहकार गांगुली ने मैदान पर जाकर उन्हें उठा लिया. गांगुली ने इसके बाद पंत और पार्थ जिंदल (टीम के सह-मालिक और चेयरमैन) को टैग करते हुए ट्वीट किया, ऋषभ आप इसके हकदार है. आप शानदार है.

पंत ने अपनी पारी में छह चौके और चार छक्के लगाये जिससे दिल्ली कैपिटल्स ने 192 रन के लक्ष्य को चार गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया. पोंटिंग को अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि इस वामहस्त बल्लेबाज को भारत की विश्व कप टीम के लिए नहीं चुना गया है. उन्होंने कहा, मुझे पता है कि विश्व कप की टीम में जगह नहीं बना पाने से निराशा होती है. मेरी राय में भारत ने वहां गलत चयन किया है.

मुझे लगता है इंग्लैंड की परिस्थितियों में वह बीच के ओवरों में स्पिनरों के खिलाफ खतरनाक होते. दो बार के विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, विश्व कप में वह जो कर सकते थे मुझे उसे देखने का इंतजार रहता. अगर वह खुद को फिट रखते है तो तीन या चार विश्व कप में खेल सकते है.

पोंटिंग ने कहा, ऐसा लग रहा वह अलग लीग में है. वह काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी है. वह प्रतिद्वंद्वी और विजेता खिलाड़ी है उन्हें ऐसे हालात में खेलना पसंद है. गांगुली ने भी इस युवा खिलाड़ी की तारीफ करते हुए कहा, ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी असल में मैच विजेता होते है. आप उन्हें ज्यादा बदलाव करने के लिए नहीं बोल सकते है. वह चार-पांच मैचों में विफल हो सकते है, लेकिन जिस दिन उनका बल्ला चला उस दिन अकेले दम पर मैच का रूख बदल देते है.

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