नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग 2018 का खुमार तो खत्म हो चुका है लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को अभी से अगले साल के आईपीएल की चिंता सता रही है. दरअसल, अगले साल 30 मई से 50 ओवर का वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है और इसका असर आईपीएल पर पड़ सकता है. खबरों की मानें तो आईपीएल में देरी नहीं की जा सकती और यह मार्च में ही कराए जा सकते हैं.
लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुसार आईपीएल और किसी अन्य क्रिकेट टूर्नमेंट के बीच 15 दिनों का अंतर होना आवश्यक है. इसके अलावा आईसीसी के नियमों की मानें तो टीमों को टूर्नमेंट शुरू होने से दो सप्ताह पहले से ही प्रमोशन आदि के लिए उपलब्ध होना जरूरी है. अब बीसीसीआई के पास आईपीएल को मई के दूसरे सप्ताह तक खत्म करने के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस संबंध में आज एक खबर प्रकाशित की है जिसके अनुसार, इस बात को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई अगले साल आईपीएल की शुरुआत 29 मार्च से करने पर विचार कर रही है. अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यदि केंद्र सरकार ने समय पूर्व लोकसभा चुनाव न करवाए तो बीसीसीआई को आईपीएल को लेकर अपनी योजना पर गंभीरता से विचार करना होगा. आपको बता दें कि भारत में पिछले तीन लोकसभा चुनाव अप्रैल और मई के महीनों में हुए हैं.
यदि आपको याद हो तो 2014 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव नौ चरणों में संपन्न कराए गये थे जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में हुए सबसे लंबे समय तक चला चुनाव था. ऐसी ही स्थिति इस बार भी नजर आ सकती है. सूत्रों ने बताया है कि नये अनुबंधों के अनुसार आईपीएल अब हर साल बिलियन डॉलर की संपत्ति बन गया है जिसमें काफी पैसा लगा होता है. अधिकतर हिस्सेदारों का मानना है कि जहां तक संभव हो लीग का आयोजन विदेश में नहीं भारत की धरती पर ही हो. गौर हो कि 2009 में आम चुनावों के कारण लीग को साउथ अफ्रीका में करवाने का फैसला किया गया था, लेकिन बोर्ड को इसमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था क्योंकि उसे पैसे ट्रांसफर करवाने के लिए रिजर्व बैंक से जरूरी परमिशन लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
2014 में एक बार फिर चुनावों के कारण बोर्ड को आईपीएल को शिफ्ट करना पड़ा था. लीग को 19 दिनों के लिए संयुक्त अरब अमीरात शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था.