जम्मू : कांग्रेस विधायक उस्मान मजीद और निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल में एक क्रिकेट मैच से पहले कथित रुप से पाकिस्तानी राष्ट्रगान बजाने के लिए चार क्रिकेटरों को हिरासत में लिए जाने का मुद्दा पूरी मजबूती से उठाया. घटना गत रविवार को बांदीपोरा जिले में हुई थी.
मजीद ने राज्य सरकार से युवा क्रिकेटरों को माफी देने की अपील की जबकि राशिद ने उनका बचाव करते हुए सदन में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद राशिद को मार्शलों के जरिये सदन से बाहर ले जाया गया.
मजीद ने कहा, मैं उनकी ओर से सदन में माफी मांगता हूं. उन्होंने कहा, उन्हें माफी दे दी जाए और उनके खिलाफ दायर मामले वापस ले लिए जाएं जैसे कि सरकार ने पथराव करने वालों के खिलाफ मामले वापस ले लिए. हम चाहते हैं कि हमारे युवा एक सकारात्मक दिशा में बढ़ें. गौरतलब है कि हाल में एक वीडियो इंटरनेट पर आया था जिसमें कथित रुप से चारों क्रिकेटरों को एक मैच से पहले पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाते देखा गया. इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया.
बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए मजीद ने उनकी रिहाई की पुरजोर वकालत की. उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि क्रिकेटरों ने शरारती तत्वों के दबाव में आकर मैच के दौरान ऐसा किया हो. उन्होंने कहा, पुलिस उनके पीछे पड़ी है. उनमें से कुछ जेल में बंद हैं और बाकी फरार हैं क्योंकि मीडिया ने मुद्दे को काफी तवज्जो दी है. मैंने उन्हें माफी देने की मांग के लिए सरकार के सामने मुद्दा उठाया. वहीं राशिद ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि मजीद को क्रिकेटरों के लिए माफी नहीं मांगनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हरे कपड़े दिखाकर पिछले आठ साल से वोट मांगती रही हैं. मुफ्ती मोहम्मद सईद ने चुनाव में अपनी जीत के लिए पाकिस्तान और आतंकियों का आभार जताया था. अगर आपने क्रिकेटरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है तो महबूबा मुफ्ती के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.