शारजाह : भारतीय तेज गेंदबाजों का लाइन और लेंथ पर ध्यान देने के लिये अपनी रफ्तार में कटौती करने का पुराना इतिहास रहा है लेकिन चोट से उबरकर वापसी करने वाले वरुण आरोन ने कहा कि जब तेजी की बात आएगी तो वह कभी कोई समझौता नहीं करेंगे. रायल चैलेंजर्स बेंगलूर की तरफ से खेल रहे 24 वर्षीय आरोन ने इंडियन प्रीमियर लीग में कल दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ अपनी पहली गेंद पर ही विकेट लिया. उन्होंने अपने तीन ओवर में केवल नौ रन दिये और एक विकेट लिया.
आरोन ने अपनी टीम के आईपीएल में पहले मैच के बाद कहा, ‘‘मैं अभी चोट से उबरा हूं लेकिन तब भी मैंने अपनी रफ्तार में कमी नहीं की और मुङो नहीं लगता कि मैं कभी ऐसा करुंगा. ’’ यह युवा तेज गेंदबाज हालांकि जानता है कि केवल तेजी के दम पर शीर्ष स्तर की क्रिकेट में बने रहना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप उच्च स्तर की क्रिकेट खेल रहे हो तो फिर आपको तेज गेंदबाजी की हर कला में माहिर होना होगा. केवल तेज गेंदबाजी करने से मदद नहीं मिलेगी. अच्छा गेंदबाज बनने के लिये आपको गेंद सही स्थान पर पिच करानी होगी. ’’ रणजी ट्राफी 2010-11 में रणजी ट्राफी के एक मैच में 153 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी करने के कारण सुर्खियां पाने वाले आरोन ने कहा, ‘‘मेरे लिये तेज गेंदबाजी करना नैसर्गिक पहलू है और मैं वास्तव में कभी रफ्तार के बारे में नहीं सोचता. यदि आप तेज गेंद कर सकते हो तो यह आपके लिये बोनस जैसा है.’’
आरोन ने कल काफी तेज गेंदबाजी की और डेयरडेविल्स के बल्लेबाजों को काफी मुश्किल में डाला. उन्होंने आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘‘आप आईपीएल की इससे बेहतर शुरुआत की उम्मीद नहीं कर सकते. पहली गेंद पर विकेट हासिल करना बहुत अच्छा अहसास था. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीत से शुरुआत करना शानदार है और इस तरह से आसानी से जीत दर्ज करके वास्तव में अच्छा लग रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि इससे सभी का आत्मविश्वास बढेगा. ’’ आरोन बांग्लादेश में हाल में समाप्त हुए विश्व टी20 में भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने दो अभ्यास मैच खेले लेकिन बाकी टूर्नामेंट में उन्हें मौका नहीं मिला.उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में आईपीएल के इस पहले मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. मैं पूरे विश्व टी20 में बाहर बैठा रहा और यह आसान नहीं होता. मैं मैदान पर उतरकर गेंदबाजी करने के लिये आतुर था. मुङो खुशी है कि आज मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. मेरा लक्ष्य अच्छी गेंदबाजी करना और टीम की जीत में योगदान देना था.’’