नयी दिल्ली : बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने विवादों से घिरे आईपीएल छह के 75 मैचों का गृह मंत्रालय से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि क्रिकेट बोर्ड ऐसा नहीं करता है तो इससे यह लगेगा कि बीसीसीआई खेलों में भ्रष्टाचार से निबटने के लिये गंभीर नहीं है.
पवार ने कहा, ‘‘यदि बीसीसीआई गृह मंत्रालय को लिखित में दें और सभी मैचों की जांच करने का आग्रह करे तो सरकार सभी मैचों की जांच कर सकती है. वह किसी से भी पूछताछ कर सकती है. उसे कानूनी स्वीकृति हासिल है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि बोर्ड इसे स्वीकार नहीं करता है और कहता है कि इसके लिये उसकी खुद की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई है तो मुझे लगता है कि बोर्ड जो गलत हो रहा है उससे निबटने के प्रति गंभीर नहीं है.’’ बीसीसीआई की तीन सदस्यीय समिति गुरुनाथ मयप्पन की जांच कर रही है जो बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपरकिंग्स के टीम प्रिंसिपल भी हैं.
समिति राजस्थान रायल्स के तीन खिलाड़ियों के खिलाफ लगाये गये आरोपों और उसकी फ्रेंचाइजी के अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स की भी जांच करेगी. कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायलय के पूर्व जज न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व जज आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले जांच आयोग के सदस्य हैं.आईसीसी के भी पूर्व अध्यक्ष पवार ने कहा कि सुधार के उपाय करने के बाद आईपीएल आगे जारी रखा जाना चाहिए.
उन्होंने ‘द वीक’ से कहा, ‘‘सुधार के उपाय किये जाने चाहिए और आईपीएल को जारी रखा जाना चाहिए. इससे पता चलता है कि भारतीयों को वैश्विक क्रिकेट समुदाय ने स्वीकार कर लिया है.’’ पवार से पूछा गया कि क्या वर्तमान बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन को नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के पास कोई अधिकार नहीं हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘माना कि यह किसी टीम के मालिक या सट्टेबाज के पास जाती है तो वे उसकी नहीं सुनेंगे.’’ पवार ने कहा कि स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण से प्रशंसकों का आत्मविश्वास डगमगा गया है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी समस्या की जड़ तक जाना होगा. किसी के भी खिलाफ किसी भी स्तर पर बेहद प्रभावी, निष्ठुर और सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.’’