मीरपुर : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ कल यहां होने वाले विश्व टी20 फाइनल से पूर्व आज कहा कि ‘विवाद भारतीय क्रिकेट का बडा हिस्सा हैं’ और उनका नाम भारतीय क्रिकेट की लगभग सभी अच्छी और बुरी चीजों के साथ जोडा गया है.धोनी से पूछा गया कि वह अपने काम के साथ जुडे बेहद अधिक दबाव से कैसे निपटते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं कई साल से कप्तान हूं और इस दौरान मैंने लगभग सब कुछ देखा है.
ऐसा कुछ नहीं है जो क्रिकेट में मैंने नहीं देखा. विवाद भारतीय क्रिकेट का बडा हिस्सा है और मैं इस सबसे गुजरा हूं. भारतीय क्रिकेट में शायद की ऐसा कुछ अच्छा या बुरा हो जो मेरे नाम के बिना हो.’’ विश्व ट्वेंटी20 की शुरुआत से ठीक पहले भारतीय क्रिकेट एक अन्य विवाद में घिर गया जब बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को अदालत में मामले के कारण अपने पद से हाथ धोना पडा जबकि धोनी का नाम भी इस मामले में आया.
एक रिपोर्ट में दावा किया किया कि धोनी ने असल में जांच पैनल के समक्ष उस समय झूठ बोला था जब उन्होंने कहा था कि गुरुनाथ मयप्पन सिर्फ एक क्रिकेट प्रेमी है, चेन्नई सुपरकिंग्स का अधिकारी नहीं. बीसीसीआई ने हालांकि उच्चतम न्यायालय में धोनी का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा.
कप्तान ने कहा कि वह अपनी कप्तानी के साथ जुडे दबाव को स्टेडियम के अंदर तक ही सीमित रखना पसंद करते हैं. जब किसी ने पूछा कि पाकिस्तान के खिलाफ 2007 फाइनल से पहले भारतीय ड्रेसिंग रुम का मूड कैसा था जो धोनी ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘यार चार दिन पहले की बात हमें याद नहीं रहती और आप सात साल पहले की बात पूछ रहे हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह याद करना बेहद मुश्किल है कि 2007 फाइनल की पूर्व संध्या पर हम कैसा महसूस कर रहे थे. बेशक मैं इतना कह सकता हूं कि इस बार की तरह तब भी काफी रोमांच था. हम उम्मीद करते हैं कि यह रोमांचक फाइनल होगा.’’
धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह अपनी नेतृत्व क्षमता का आकलन करते हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला मुझे नहीं करना है क्योंकि बाहर से आप यह काम मुझसे बेहतर कर सकते हो. मुझे यह जिम्मेदारी दी गई है और मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के मुताबिक इसे निभाने की कोशिश करता हूं. साथ ही व्यक्तिगत रुप से आप गलती करते हो और एक कप्तान के रुप में मुझे लगता है कि यह अहम है कि अगर आपने कोई गलती की है तो उसे स्वीकार करो.’’ भारतीय कप्तान ने कहा कि एक कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितनी कि उसकी टीम क्यांेकि वह सिर्फ फैसला कर सकता है लेकिन इसे अमलीजामा पहनाना किसी और पर निर्भर करता है.
धोनी ने कहा, ‘‘हर बार यह आपके पक्ष में नहीं क्योंकि लगभग 98 प्रतिशत मौकों पर कप्तान किसी चीज का फैसला करता है लेकिन इस काम को अंजाम तक कोई और पहुंचाता है. यह किसी व्यक्तिगत खिलाडी पर निर्भर करता है और इस पर कि वह किसी हालात में कैसी प्रतिक्रिया देता है.’’ धोनी को ‘कैप्टन कूल’ के रुप में जाना जाता है लेकिन भारतीय कप्तान के मुताबिक यह मुश्किल हालात में अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखना है.धोनी ने टीम के शीर्ष बल्लेबाज के रुप में विराट कोहली की जिस तरह तारीफ की है वह दर्शता है कि दिल्ली के खिलाडी की क्षमताओं पर उन्हें कितना भरोसा है.
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘प्रत्येक खिलाडी अलग होता है. कुछ खिलाडी अलग तरीके से खेलते हैं. विराट एक ऐसा खिलाडी है जो दूसरों से काफी अलग है विशेषकर तब जब आप उसकी तुलना रोहित शर्मा या युवराज सिंह या सुरेश रैना जैसे खिलाडियों से करो. पिछले कुछ साल में उसने शानदार प्रदर्शन किया है.’’ धोनी ने कहा कि कोहली के बारे में सबसे अच्छी चीज यह है कि उसमें मौकों का फायदा उठाने की क्षमता है. धोनी ने कहा कि भारत के पास ऐसे खिलाडी हैं जो बहुआयामी हैं जिनसे तीनों प्रारुपों की तैयारी करने में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए खेलने वाले खिलाडी बहुआयामी हैं और अगर आप मौजूदा टी20 टीम को देखो तो एक या दो ऐसे खिलाडी हैं जिन्हें आप टी20 विशेषज्ञ कह सकते हो. उनके अलावा अधिकांश खिलाडी अन्य प्रारुपों में भी अच्छे हैं.’’ इतिहास बनाने की दहलीज पर खडे होने के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, ‘‘फाइनल में अच्छा खेलना और बाकी चीजों के बारे में नहीं सोचना हमारे लिए महत्वपूर्ण है. अन्य चीजों के बारे में सोचने से अधिक अहम देश के लिए विश्व कप जीतना है.’’ श्रीलंका की टीम के बारे में पूछने पर धोनी ने उसे संतुलित टीम करार दिया जिसमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण है.
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका काफी अच्छी टीम है जिसका रिकार्ड काफी अच्छा है. उनके पास अच्छे स्पिनर हैं जो इस तरह के अनुकूल हैं. उनके पास युवा और अनुभव का मिश्रण है. महेला, संगकारा और मलिंगा के अलावा उनके पास एंजेलो मैथ्यूज जैसे युवा खिलाडी भी हैं.’’