Vinayak Chaturthi, Ganesh Jayanti 2023: विनायक चतुर्थी आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Vinayak Chaturthi, Ganesh Jayanti 2023: गणेश जयंती को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह माघ चंद्र माह के दौरान शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है.

By Bimla Kumari | January 25, 2023 11:47 AM

Vinayak Chaturthi, Ganesh Jayanti 2023: गणेश जयंती को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह माघ चंद्र माह के दौरान शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है और वर्तमान में ग्रेगोरियन कैलेंडर में जनवरी और फरवरी महीने के साथ मेल खाता है. इस बार विनायक चतुर्थी आज 25 जनवरी 2023 बुधवार के दिन मनाई जा रही है. माना जाता है कि भगवान गणपति की पूजा करने से बड़े से बड़े संकट को पल भर में दूर किया जा सकता है.

माघ महीने के दौरान गणेश जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाई जाती है. भारत के अधिकांश हिस्सों में भगवान गणेश की जयंती भाद्रपद माह के दौरान मनाई जाती है और इसे गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी के समान, मध्याह्न व्यापिनी पूर्वविद्या चतुर्थी (मध्याह्न व्यापिनी पूर्वविद्या चतुर्थी) को गणेश जयंती के रूप में माना जाता है.

गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, हालांकि इसे सर्वसम्मति से भगवान गणेश की जयंती के रूप में नहीं मनाया जाता है. माघ मास के दौरान गणेश जयंती है जिसे भगवान गणेश की जयंती के रूप में माना जाता है. महाराष्ट्र में गणेश जयंती को माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.

गणेश जयंती बुधवार 25 जनवरी 2023

  • मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 29 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक

  • चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 24, 2023 को शाम 03 बजकर 22 मिनट से शुरू

  • चतुर्थी तिथि समाप्त – जनवरी 25, 2023 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर खत्म

विनायक चतुर्थी पूजन विधि (Vinayak Chaturthi Puja Vidhi)

  • विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें.

  • इसके बाद भगवान गणेश की पूजा प्रारंभ करें.

  • इस दिन की पूजा में जटा वाला नारियल और भोग में मोदक शामिल करें.

  • इसके अलावा पूजा में भगवान गणेश को गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करें.

  • धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करने के बाद ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का उच्चारण पूर्वक जप करें.

  • भगवान गणेश की कथा पढ़ें, आरती करें, पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य वितरित करें.

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विनायक चतुर्थी महत्व (Vinayak Chaturthi Significance)

शास्त्रों में वर्णित है कि जो लोग नियमित रूप से विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. वहीं विनायक चतुर्थी पर सिद्धि विनायक रूप की पूजा करने से संतान संबंधी समस्या खत्म हो जाती है. वंश वृद्धि के लिए भी ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.

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