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Varuthini Ekadashi 2022: वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल को, पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और पारण समय जानें

Varuthini Ekadashi 2022: पंचांग के अनुसार वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी को वरूथिनी एकादशी कहते हैं. इस बार यह एकादशी 26 अप्रैल को है.

Varuthini Ekadashi 2022 Date: पंचांग के अनुसार वैशाख माह में कृष्ण पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं. आमतौर पर साल में 24 एकादशी तिथि होती हैं. हर एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग होता है. चैत्र मास की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं. इस बार वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रही है. वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल को सुबह 1:37 से शुरू होगी जो 27 अप्रैल दोपहर 12:47 तक रहेगी. इस एकादशी को कल्याणकारी एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को रखने वाले भक्त जो पूरे मन से भगवान श्री विष्णु भगवान पूजा करते हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

Varuthini Ekadashi 2022 Tithi Paran Time: वरुथिनी एकादशी तिथि और पारण का समय

वरुथिनी एकादशी मंगलवार, अप्रैल 26, 2022 को

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 26, 2022 को 01:37 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – अप्रैल 27, 2022 को 12:47 ए एम बजे

27 अप्रैल को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:41 ए एम से 08:22 ए एम

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 06:41 ए एम

Varuthini Ekadashi 2022 Shubh Muhurat वरुथिनी एकादशी शुभ मुहूर्त

वरुथिनी एकादशी के दिन शाम 7:06 बजे तक ब्रह्म योग है. इसके बाद इंद्र योग प्रारंभ हो रहा है. शतभिषा नक्षत्र शाम 4:56 बजे तक है. और इससे पहले भाद्रपद लगेगा. इन दोनों योग और नक्षत्र को शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना गया है. इस दिन व्रत रख रहे लोग प्रात: ही श्री विष्णु की पूजा कर सकते हैं. इस दिन रात 12:47 बजे से लेकर अगले दिन यानी 27 अप्रैल को सुबह 05:44 बजे तक त्रिपुष्कर योग है. वहीं अभिजित मुहूर्त 11:53 से लेकर दोपहर 12:45 बजे तक है.

Varuthini Ekadashi Significance: वरुथिनी एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से सुख, सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मन को शांति मिलती है. इस व्रत को रख रहे लोगों को पूजा के दौरान ओम नमो भागवत वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.

Varuthini Ekadashi Vrat Ke Niyam: वरुथिनी एकादशी व्रत नियम

  • व्रत रखने के नियम के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व जल में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करनी चाहिए.

  • इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें.

  • इस दिन की पूजा में भगवान को खरबूजे का भोग लगाना चाहिए और मन ही मन भगवान विष्णु नाम का जाप करना चाहिए.

  • तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, एकादशी व्रत में श्री विष्णु को तुलसी जल अर्पित करना चाहिए.

  • साथ ही पूजा के समय एकादशी व्रत की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए.

  • वरुथिनी एकादशी का व्रत रख रहे लोगों को उस दिन भोजन नहीं करना चाहिए.

  • प्रसाद में फलाहार लेना चाहिए.

  • इस दिन नमक के सेवन से भी बचना चाहिए.

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