Tulsi Chalisa Aarti: मोक्षदा एकादशी पर आज करें तुलसी चालीसा का पाठ, आरती- जय जय तुलसी माता…

Tulsi Chalisa Aarti: पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी व्रत आज 1 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को रखा जाएगा. मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान माता तुलसी चालीसा का पाठ और आरती करने पर घर धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है.

By Radheshyam Kushwaha | December 1, 2025 4:43 AM

Tulsi Chalisa Aarti: आज मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. आज भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, इसके साथ ही जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी संकट दूर होने लगते हैं. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था, इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है.

माता तुलसी भी रखती हैं एकादशी व्रत

धर्म शास्त्रों में माता तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया हैं. प्रत्येक एकादशी को माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, इसलिए एकादशी तिथि के दिन तुलसी चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है. इस चालीसा का पाठ करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम

सुबह स्नान कर श्रीहरि विष्णु के पूर्णावतार श्रीकृष्ण की पूजा करें.
पूजा के बाद गीता पाठ करें.
इस दिन भगवान सूर्यदेव की उपासना करें.
ब्रह्मचर्य रहकर एकादशी व्रत रखें.
व्रत में फलाहार ले सकते हैं.
अगले दिन व्रत का पारण करें.

तुलसी चालीसा का पाठ Tulsi Chalisa

श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय॥

नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।
दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।

विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी।
भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।।

जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।
करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।।

कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।
तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।।

कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।
वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।।

श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई।
कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।

छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी।
तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।।

औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता,
देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।

वेद पुरानन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहिं पाया।
नमो नमो जै जै सुखकारनि, नमो नमो जै दुखनिवारनि।।

नमो नमो सुखसम्पति देनी, नमो नमो अघ काटन छेनी।
नमो नमो भक्तन दुःख हरनी, नमो नमो दुष्टन मद छेनी।।

नमो नमो भव पार उतारनि, नमो नमो परलोक सुधारनि।
नमो नमो निज भक्त उबारनि, नमो नमो जनकाज संवारनि।।

नमो नमो जय कुमति नशावनि, नमो नमो सुख उपजावनि।
जयति जयति जय तुलसीमाई, ध्याऊँ तुमको शीश नवाई।।

निजजन जानि मोहि अपनाओ, बिगड़े कारज आप बनाओ।
करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरण आशा करहु हमारी।।

शरण चरण कर जोरि मनाऊं, निशदिन तेरे ही गुण गाऊं।
क्रहु मात यह अब मोपर दाया, निर्मल होय सकल ममकाया।।

मंगू मात यह बर दीजै, सकल मनोरथ पूर्ण कीजै।
जनूं नहिं कुछ नेम अचारा, छमहु मात अपराध हमारा।।

बरह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।
प्रथमहि गंगाजल मंगवावे, फिर सुन्दर स्नान करावे।।

चन्दन अक्षत पुष्प् चढ़ावे, धूप दीप नैवेद्य लगावे।
करे आचमन गंगा जल से, ध्यान करे हृदय निर्मल से।।

पाठ करे फिर चालीसा की, अस्तुति करे मात तुलसा की।
यह विधि पूजा करे हमेशा, ताके तन नहिं रहै क्लेशा।।

करै मास कार्तिक का साधन, सोवे नित पवित्र सिध हुई जाहीं।
है यह कथा महा सुखदाई, पढ़े सुने सो भव तर जाई।।

तुलसी मैया तुम कल्याणी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी।
भाव ना तुझे माँ नित नित ध्यावे, गा गाकर मां तुझे रिझावे।।

तुलसी माता की आरती Tulsi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।

सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।

जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।

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