Sankashti Chaturthi June 2025: कल मनाई जाएगी संकष्टी चतुर्थी, जानें गणेशजी को क्यों प्रिय है मोदक

Sankashti Chaturthi June 2025: आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी व्रत 14 जून को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक की जाती है और उन्हें मोदक अर्पित किया जाता है. जानिए इस खास दिन का महत्व और क्यों गणेश जी को मोदक अति प्रिय माने जाते हैं.

By Shaurya Punj | June 13, 2025 10:55 AM

Sankashti Chaturthi June 2025: जून माह की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीगणेश के साथ चंद्रदेव की विशेष पूजा की जाती है. यह व्रत विशेष रूप से माताएं अपनी संतान की सुख-समृद्धि, आरोग्य और दीर्घायु के लिए रखती हैं. श्रद्धापूर्वक किए गए इस व्रत से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस पावन अवसर पर गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है, जो उनका अत्यंत प्रिय मिष्ठान्न है. धार्मिक मान्यता है कि मोदक चढ़ाने से बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और गणेश जी को मोदक चढ़ाने का धार्मिक महत्व.

संकष्टी चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि इस वर्ष 14 जून 2025, शनिवार को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 14 जून को दोपहर 3:46 बजे शुरू होकर 15 जून को दोपहर 3:51 बजे तक रहेगी. चूंकि तिथि का प्रारंभ 14 जून को हो रहा है और उसी दिन चतुर्थी का उदय है, इसलिए व्रत और पूजा का आयोजन 14 जून को ही किया जाएगा, यही दिन शुभ और मान्य माना गया है.

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गणेश जी पर क्यों चढ़ाते हैं मोदक

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय और विघ्नों को हरने वाले देवता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है. उन्हें मोदक अत्यंत प्रिय माना जाता है, यही कारण है कि गणेश पूजन में मोदक अर्पित करना विशेष शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मोदक गणेश जी की प्रसन्नता का प्रतीक है और इसे उनका प्रियतम नैवेद्य कहा गया है.

मान्यता है कि मोदक अर्पित करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. साथ ही यह भी विश्वास किया जाता है कि इससे बुद्धि, विवेक और ज्ञान में वृद्धि होती है, क्योंकि गणेश जी को ‘बुद्धि और विद्या के देवता’ भी कहा जाता है. विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को विशेष रूप से गणेश जी को मोदक अर्पित करने की सलाह दी जाती है. आध्यात्मिक रूप से देखा जाए तो मोदक का गोल आकार पूर्णता और समृद्धि का संकेत देता है, जबकि इसके भीतर भरा गुड़ और नारियल का मिश्रण आत्मिक आनंद और आंतरिक मिठास का प्रतीक है. इस प्रकार, श्रद्धा से चढ़ाया गया मोदक न केवल गणेश जी की कृपा प्राप्त करता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और सफलता भी लेकर आता है.