Ramadan 2023 akhri jumma: बेहद अहम दिन है ईद से पहले का आखिरी शुक्रवार, अलविदा जुम्मा की अहमियत जानें

Jamat ul-Vida 2023: 'जमात-उल-विदा' एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ रमजान का आखिरी शुक्रवार होता है. इस त्योहार को दुनिया भर के मुसलमान बहुत ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2023 7:18 AM

Ramadan 2023 akhri jumma: जमात उल विदा रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी जुम्मा को मनाया जाता है. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन अल्लाह का एक फरिश्ता धरती पर उतरता है और लोगों की नमाज पर ध्यान देने के लिए मस्जिद में दाखिल होता है. रमजान के पवित्र महीने के आखिरी शुक्रवार को जमात उल विदा का आयोजन किया जाता है. इस साल रमजान का महीना 25 मार्च से शुरू हुआ और ईद 22 अप्रैल, 2023, शनिवार को मनाई जाने की उम्मीद है. जमात उल विदा रमजान के महीने में ईद से पहले का आखिरी शुक्रवार बेहद अहम दिन होता है.

जमात-उल-विदा 2023 कब है? (When is Jumat-ul-Vida 2023)

जमात उल विदा रमजान के महीने का आखिरी शुक्रवार है. मुसलमान इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस साल जमात उल-विदा का जश्न शुक्रवार, 21 अप्रैल, 2023 को मनाया जाएगा.

जमात उल विदा की अहमियत (Importance of Jamat ul-Vida)

जमात उल विदा तीन शब्दों से मिलकर बना है – ‘जुमा’ ‘उल-विदा. जुम्मा उल-विदा में जुम्मत का मतलब जुम्मा और उल का मतलब विदा होता है, जिसका मतलब होता है विदाई. सरल भाषा में जमात उल विदा रमजान के महीने का आखिरी शुक्रवार होता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं. कई लोगों का मानना ​​है कि जमात उल विदा का रोजा रखना बहुत ही शुभ होता है.

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 Jamat ul-Vida 2023: इस एक दिन के उपवास का भी है विशेष महत्व

इस दिन का महत्व इतना अधिक है कि जो लोग पूरे रमजान का उपवास करने में असमर्थ हैं, वे भी इस एक दिन के उपवास के सभी नियमों का पालन करते हैं और अल्लाह से पृथ्वी पर शांति और भाईचारा बनाए रखने की प्रार्थना करते हैं.

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