Phulera Dooj 2023: आज मनाया जा रहा है फूलेरा दूज, जान लें इसका महत्व और पूजन विधि

Phulera Dooj 2023: आज फुलेरा दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. ये त्योहार भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इसे शाब्दिक अर्थ में फुलेरा का अर्थ 'फूल' फूलों की अधिकता को दर्शाता है. फुलेरा दूज के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है.

By Shaurya Punj | February 21, 2023 6:39 AM

Phulera Dooj 2023: आज 21 फरवरी को फुलेरा दूज मनाया जा रहा है. फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का त्योहार भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है. इसे शाब्दिक अर्थ में फुलेरा का अर्थ ‘फूल’ फूलों की अधिकता को दर्शाता है. फुलेरा दूज के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है.

फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त

फुलेरा दूज पर भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का पूजन गोधूलि बेला में किया जाता है. गोधूलि बेला मंगलवार शाम 6:41 से रात 7:06 तक रहेगी. फुलेरा दूज 21 फरवरी मंगलवार सुबह 7:33 से शुरू होगी. इसका पारायण बुधवार सुबह 4:16 तक होगा. इसलिए उदया तिथि के अनुसार फुलेरा दूज आज मंगलवार 21 फरवरी को मनाई जा रही है.

फुलेरा दूज का महत्व

फुलेरा दूज के दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का विधान है. फुलेरा दूज का त्योहार ब्रज में मुख्य रूप से मनाया जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ फूलों की होली खेली जाती है और माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है. फुलेरा दूज किसी शुभ कार्य जैसे सगाई या विवाह के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.  

फुलेरा दूज पूजा विधि (Phulera Dooj Puja Vidhi)

  • फुलेरा दूज पर गोधुलि मुहूर्त में पूजा का विधान है. शाम के समय राधा-कृष्ण की पूजा का उत्तम समय होता है.

  • शाम को स्नान के बाद रंगीन और साफ कपड़े पहनें. संभव हो तो गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें. ये रंग प्रेम का प्रतीक है.

  • श्रीकृष्ण और राधा रानी का फूलों से श्रृंगार करें. कृष्ण और उनकी प्रियसी राधा को उनके प्रिय फूल कुमुद, करवरी, चणक,मालती, पलाश और वनमाला के फूल चढ़ाएं.

  • राधा-कृष्ण को सुगंधित गुलाल और अबीर अर्पित करें. सफेद मिठाई, पंचामृत, मिश्री का नेवैद्य लगाएं.

  • घी का दीपक लगाकर ‘मधुराष्टक’ या ‘राधा कृपा कटाक्ष’ का पाठ करें. राधेकृष्ण के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं.

  • राधा रानी को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. फिर इन्हें दान कर दें.

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