Lunar Eclipse 2022: वैशाख पूर्णिमा के दिन लग रहा है चंद्र ग्रहण,जानें ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं

Lunar Eclipse 2022: : साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा. इसी दिन वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा भी है. धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2022 4:28 PM

Lunar Eclipse 2022: साल के पहले चंद्र ग्रहण की दृश्यता भारत में शून्य रहेगी यही वजह है कि इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. साथ ही इसका जीवन पर किसी तरह का शुभ-अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा. चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा. इस दिन वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा भी है. हिंदू धर्म और ज्‍योतिष के अनुसार किसी भी के ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है. इस लिए इस दौरान कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है, ताकि ग्रहण के दुष्‍प्रभावों से बचा जा सके. जानें ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए…

ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए.

  • खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, ताकि इन पर ग्रहण का बुरा असर न पड़े.

  • ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिसका असर व्‍यक्ति के मन पर भी पड़ता है. लिहाजा इस दौरान कोई बड़ा निर्णय नहीं लेने की सलाह दी जाती है.

  • ग्रहण काल में किसी भी तरह के लड़ाई-झगड़े या वाद-विवाद से बचना चाहिए.

  • जरूरी न हो तो ग्रहण के दौरान यात्रा करने से परहेज करना चाहिए.

  • ग्रहण काल का समय भगवान की आराधना में व्यतीत करना चाहिए.

  • ग्रहण के बाद स्‍नान करें, स्वच्छ कपड़े पहनें.

  • ग्रहण के बाद दान जरूर करें ऐसा करने से ग्रहण की अशुभता कम होती है.

  • ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को बहुत सावधानी बरतनी चाहिए. ऐसी महिलाओं को इस समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण इस दिन

साल 2022 का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा. ग्रहण 8 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 07 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा.

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कहां दिखेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण

साल का पहला चंद्र ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिकी के अधिकांश हिस्सों में, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका आदि देशों में पूर्ण ग्रहण का प्रभाव होगा. भारत में इसका प्रभाव बिल्कुल नहीं पड़ रहा है, ऐसे में यहां सूतक मान्य नहीं होगा इसका.

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