34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Kark Sankranti 2022: आज है कर्क संक्रांति, जानें आज के दिन किए जाने वाले उपाय और उनके फल

Kark Sankranti 2022: सूर्य ग्रह का गोचर, आज यानी 16 जुलाई 2022 को होगा. राशि चक्र की पांचवी राशि, अर्थात सिंह के स्वामी सूर्य को ऊर्जा और आत्मा का कारक माना गया है. इस कर्क संक्रांति भी कहते हैं. इस दिन सूर्य देव दक्षिण दिशा की ओर गति करते हैं

Kark Sankranti 2022: हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे संक्रांति कहा जाता है. सूर्य ग्रह का गोचर, आज यानी 16 जुलाई 2022 को होगा. राशि चक्र की पांचवी राशि, अर्थात सिंह के स्वामी सूर्य को ऊर्जा और आत्मा का कारक माना गया है. इसलिये सूर्य का अच्छा होना जातक के आत्मबल में भी वृद्धि करता है, और कुंडली में सूर्य का अच्छी अवस्था में ना होना कई तरह की परेशानियों की वजह भी बनता है. सूर्य को ज्योतिष में पिता का कारक भी माना जाता है.

कर्क संक्रांति शुभ मुहूर्त

  • कर्क संक्रांति 16 जुलाई दिन शनिवार, कर्क संक्रांति पुण्य काल – सुबह 05 बजकर 34 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक

  • संक्रांति महापुण्य काल – दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 09 मिनट तक,सूर्य का कर्क राशि में गोचर का समय – रात 10 बजकर 50 मिनट पर.

कर्क संक्रांति का महत्व

हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार आज कर्क संक्रांति के दिन से सूर्य अगले छह महीने के लिए दक्षिणायन हो जाते हैं और इसके बाद मकर संक्रांति के दिन उत्तरायण होते हैं. सूर्य के दक्षिणायन होने से उत्तरायण होने तक के अंतराल में खासतौर से भगवान विष्णु और महादेव की पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान हिन्दू धर्मशास्त्र में पित्तरों की पूजा या पिंडदान भी किया जाता है. कर्क संक्रांति के दिन किसी प्रकार के शुभ काम को करना निषेध माना जाता है. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इस समय चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है और चातुर्मास में चार महीनों तक कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.

कर्क संक्रांति से दक्षिणायन की शुरुआत

कर्क संक्रांति से ही दक्षिण यान की शुरुआत हो जाती है. जिसकी अवधि 6 महीने तक रहती है. सूर्य देव एक राशि में 1 महीने तक विराजमान रहते हैं. ऐसे कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में 6 महीने तक दक्षिणायन की अवधि रहती है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार 1 साल में दो आयन होते हैं. आयन का अर्थ है परिवर्तन. इसका मतलब साल में दो बार सूरज की स्थिति में परिवर्तन होता है. सूरज 6 महीने तक उत्तरायण में रहता है और 6 महीने तक दक्षिणायन में रहता है.

कर्क संक्रांति 2022 की पूजा विधि

  • कर्क संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रियाओं से मुक्त होकर किसी पवित्र नदी, तलाब या जल कुंड में स्नान किया जाता है.

  • स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है.

  • अर्घ्य देने के बाद सूर्य मंत्र का जाप किया जाता है.

  • इसके बाद विष्णु भगवान जी की पूजा की जाती है.

  • पूजा के बाद सहस्त्र नाम स्रोत का जाप किया जाता है.

  • जिससे शांति और सौभाग्य की प्राप्ति की जा सकती है.

  • कर्क संक्रांति पर भगवान विष्णु जी के साथ सूर्य देव की पूजा अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है.

  • कर्क संक्रांति के दिन किए जाने वाले उपाय

  • कर्क संक्रांति के दिनकर्क राशि में सूर्य के प्रवेश पर “घृणि सूर्याय आदित्यया” मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है.

  • कर्क संक्रांति के दिन गरीबों को अन्न,धन और वस्त्र का दान दिया जाता है.

  • कर्क संक्रांति के दिन पीपल या बरगद का पेड़ लगाना पुण्य दायक माना जाता है.

  • यदि किसी व्यक्ति का सूरज नीचे है तो तो तांबे का कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए.

  • संक्रांति के दिन सूर्यास्त से पहले दिन में कभी भी “ओम आदित्यया नमः “मंत्र का जाप जितना संभव हो करना चाहिए.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें