बौद्ध नैतिकता का आधार है पंचशील सिद्धांत

पंचशील के उपदेश स्वेच्छा से लिए जाते हैं, आमतौर पर एक औपचारिक समारोह में. अभिसंद सुत्त में, बुद्ध ने पांच उपदेशों को पांच महान उपहार कहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2024 1:16 PM

भिक्खु डॉ मनोज, महाबोधि महाविहार, बोधगया

Happy Buddha Purnima 2024 : पंचशील बौद्ध नैतिकता का आधार है. हम अपने बुरे व्यवहार को पहचानने और उसे रोकने का प्रयास करके नैतिकता की शुरुआत करते हैं. यह पांच उपदेश इसी के लिए हैं. जब हम बुरा करना बंद कर देते हैं, तब हम अच्छा करना शुरू करते हैं. बुद्ध कहते हैं कि पहले हमें झूठ बोलने से बचना चाहिए. इसके बाद हमें सच बोलना चाहिए. इसके बाद धीरे और नम्रता से बोलना चाहिए और सही समय पर बोलना चाहिए.

पंचशील के उपदेश स्वेच्छा से लिए जाते हैं, आमतौर पर एक औपचारिक समारोह में. अभिसंद सुत्त में, बुद्ध ने पांच उपदेशों को पांच महान उपहार कहा है. पंचशील सिद्धांत अष्टांगिक मार्ग के सम्यक भाषण, सम्यक कार्य और सम्यक आजीविका के अंतर्गत आते हैं. एकाग्रता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए आवश्यक शर्तें हैं.

उपदेशों को बनाये रखने के अभ्यास से, हम अपने शरीर और वाणी के प्रति अधिक चौकस होते हैं, जिससे हम मानसिक शांति और स्पष्टता की ओर अग्रसर होते हैं और अंततः, पीड़ा से मुक्ति मिलती है. पंचशील-जीवित प्राणियों की हत्या, चोरी, यौन दुर्व्यवहार, झूठ और नशे से दूर रहने की प्रतिबद्धता है. बौद्ध सिद्धांत के भीतर, उनका उद्देश्य आत्मज्ञान के मार्ग पर प्रगति करने के लिए मन और चरित्र का विकास करना है. पंच उपदेश सामान्य अभ्यासियों के लिए बुद्ध द्वारा सिखाये गये बुनियादी नैतिक दिशा-निर्देश हैं.

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