Shani Pradosh Vrat 2023: फाल्गुन प्रदोष व्रत का प्रारंभ 4 मार्च दिन शनिवार सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर होगा और 5 मार्च रविवार को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट पर इसका समापन होगा। प्रदोष पूजा का मुहूर्त 4 मार्च को प्राप्त हो रहा है, इसलिए शनि प्रदोष व्रत 4 मार्च को रखा जाएगा. आइए जानते है इसके शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में:
दो शुभ योगों में है शनि प्रदोष व्रत
फाल्गुन का दूसरा शनि प्रदोष व्रत दो शुभ योग शोभन और रवि योग में है. इस दिन प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 37 मिनट तक शोभन योग रहेगा. वहीं रवि योग शाम को 06 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 05 मार्च की सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है. ये दोनों ही योग शुभ हैं. इसमें पूजा पाठ का शुभ फल प्राप्त होता है.
प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का अवसर
04 मार्च को प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का भी अवसर है. इस दिन शिववास है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का वास कैलाश पर सुबह से लेकर दिन में 11 बजकर 43 मिनट तक है. उसके बाद उनका वास नंदी पर होगा. शिव जी का कैलाश और नंदी पर वास होने पर रुद्राभिषेक कराया जाता है.
शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि
शनि प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ शनि देव की कृपा पाने के लिए भी खास दिन है. इस दिन सुबह जल्द स्नान करके व्रत और पूजा करने का संकल्प लें. बेहतर होगा कि सफेद रंग के साफ कपड़े पहनें. यदि घर पर ही पूजा कर रहे हैं तो पहले मंदिर की सफाई कर लें. इसके बाद रुद्राभिषेक करें. बेलपत्र, धतूरा, फल और मिठाई अर्पित करें. प्रदोष व्रत की पूजा के बाद ही भोजन करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. prabhatkhabar.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)