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अब बुध ग्रह चलेंगे उल्टी चाल, बढ़ सकती है आपकी परेशानी, जानें कुंडली में बुध को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपाय

Budh Gochar 2021: बुध ग्रह 27 सितंबर 2021 की सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर तुला राशि में अपनी वक्री गति शुरू करेंगे. 18 अक्टूबर तक यह इसी स्थिति में रहेंगे. इसी दौरान 2 अक्टूबर को वक्री बुध कन्या राशि में वापस लौटकर आएंगे और उसके बाद 18 अक्टूबर 2021 को कन्या राशि में ही अपनी मार्गी गति शुरू करेंगे.

Budh Gochar 2021: बुध ग्रह 27 सितंबर 2021 की सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर तुला राशि में अपनी वक्री गति शुरू करेंगे. 18 अक्टूबर तक यह इसी स्थिति में रहेंगे. इसी दौरान 2 अक्टूबर को वक्री बुध कन्या राशि में वापस लौटकर आएंगे और उसके बाद 18 अक्टूबर 2021 को कन्या राशि में ही अपनी मार्गी गति शुरू करेंगे. ज्योतिष में बुध ग्रह को व्यापार, बुद्धि, और वाणी का कारक कहा जाता है. ऐसे में बुध की यह वक्री गति ज्योतिष की दुनिया में बेहद ही महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है.

बुध ग्रह शिक्षा के में महत्वपूर्ण योगदान देता है. ऐसे में जब बुध ग्रह वक्री होगा तो स्वाभाविक है कि इसका प्रभाव इन क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नौ ग्रह समय-समय पर अपना राशि परिवर्तन करते हैं. एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने की यह गति कभी सीधी होती है जिसे मार्गी कहते हैं तो कभी यह गति उल्टी भी हो जाती है, जिसे वक्री कहा जाता है.

ज्योतिष शास्त्र में बुध को तेजस्वी दिव्य पीतांबरधारी, संपूर्ण आभूषणों से विभूषित, अर्थशास्त्रों के ज्ञाता, उत्कृष्ट बुद्धि संपन्न, मधुर वाणी बोलने वाले महान गणितज्ञ ग्रह के रूप में माना गया है. मार्गी चाल की अपेक्षा में ग्रहों की वक्री चाल को ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में बुध का वक्री होना भी बेहद ही महत्वपूर्ण घटना साबित हो सकता है.

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क्योंकि बुध ग्रह संचार व्यवस्था, वाणी, कम्युनिकेशन, लेखन, गणित, बुद्धि आदि का संचालन करते हैं. ऐसे में बुध ग्रह के वक्री होने से बनती बात बिगड़ सकती है, लड़ाई झगड़े, वाद विवाद और गलतफहमियों की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा जो लोग दिमाग का प्रयोग ज्यादा करते हैं, उन्हें भी समस्या होने की आशंका रहती है. साथ ही उन्हें इस अवधि में सही ढंग से निर्णय लेने में भी तमाम परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं.

कुंडली में बुध को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपाय

  • गौमाता को हरा चारा खिलाएं.

  • बुधवार के दिन 8 साल से छोटी उम्र की कन्याओं को हरे रंग की चूड़ियां, हरे रंग के वस्त्र, और मुमकिन हो तो हरे रंग का कोई भोजन कराएं.

  • नियमित रूप से बुध स्तोत्र का पाठ करें. यदि नियमित रूप से आप यह पाठ नहीं कर सकते हैं तो कोशिश करें की कम से कम हर बुधवार के दिन विशेष तौर पर इस स्त्रोत का पाठ करें.

  • बुधवार का व्रत रखें.

  • विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें.

  • तुलसी जी को जल अर्पित करें.

  • अनाथ बच्चों व गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें.

  • बुधवार के दिन श्री गणेश जी के मंदिर में लड्डू का दान करें और फिर उन्हें प्रसाद रूप में स्वयं भी ग्रहण करें और लोगों को भी दें.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

मोबाइल नंबर- 8080426594-9545290847

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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