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Akshaya Tritiya 2021 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timing: अक्षय तृतीया पर जरूर करें दान-पुण्य, जानिए आज सोने की खरीदारी करने का शुभ समय और इसका महत्व…

Akshaya Tritiya 2021 Akha Teej, akha Teej, Akshaya Tritiya 2021 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timing: अक्षय तृतीया आज 14 मई को है. इस बार भी अक्षय तृतीया पर कोरोना का साया रहेगा. यह लगातार दूसरा साल है, जब अक्षय तृतीया का त्योहार कोरोना के साए में बीत रहा है. हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि को बेहद ही शुभ मानी जाती है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. विवाह के लिए भी ये दिन शुभ माना गया है. इस दिन किये गये कार्य सफल होते हैं. आइए जानते है आज खरीदारी करने के लिए शुभ योग, पूजा विधि, मुहूर्त और अक्षय तृतीया से जुड़ी पूरी जानकारी...

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अक्षय तृतीया पर करें ये ख़ास उपाय

  • ग्यारह बार श्रीसूक्त का पाठ करें

  • ॐ श्रीम श्रीये नमः इस मंत्र का 5 से 11 माला जाप करें

  • 108 मखानों की माला बनाकर लक्ष्मी मां को अर्पित करें

गाय की सेवा करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है. अक्षय तृतीया के पावन दिन गाय की सेवा जरूर करें. इस दिन गाय को आटे में गुड़ मिलाकर खिलाने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है.

अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गौ सेवा करने से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है. रोजाना गाय को भोजन खिलाने से अशुभ ग्रह भी शुभ हो जाते हैं.

पितृ दोषों से मुक्ति

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार गौ सेवा करने से पितृ दोषों से भी मुक्ति मिल जाती है. रोजाना गाय को भोजन करवाना शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन पितृ संबंधित कार्य भी किए जाते हैं. इस दिन पितृ संबंधित कार्य करने के बाद गाय को जरूर भोजन करवाएं.

ईशान कोण में रखें मिट्टी का कलश

मिट्टी का कलश यदि ईशान कोण में रखते हैं तो मां लक्ष्मी सदैव घर में वास करती है.

ईशान कोण में रखें एकाक्षी नारियल

एकाक्षी नारियल को पादेश्वरी भी कहा जाता है. इसे मां लक्ष्मी के स्थान अर्थात ईशान कोण में रखने से घर धन-संपन्न होता है.

आज मोती का शंख दक्षिण दिशा में स्थापित करें

अक्षय तृतीया के दिन मोती का शंख यदि दक्षिण दिशा में स्थापित करते हैं तो जातक के घर में खुशियां, तरक्की आती है और धन-संपत्ति में बढ़ोतरी भी होती है.

आज घर में ये टोटके जरूर करें

पीतल की घंटी यदि ईशान कोण में स्थापित करते हैं तो मां लक्ष्मी स्वयं घर पर प्रकट होती है.

अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें. इसके बाद एक चौकी पर नारायण और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. फिर पंचामृत और गंगाजल मिलाकर जल से स्नान कराएं. इसके बाद चंदन और इत्र लगाएं. पुष्प, तुलसी, हल्दी या रोली लगे चावल, दीपक, धूप आदि अर्पित करें. भगवान के मंत्र का जाप करें. इसके बाद आरती करें.

अक्षय तृतीया पर खरीदारी का महत्व

अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना शुभ माना जाता है, इसलिए यह तिथि समृद्धि दायक होती है. अक्षय तृतीया के दिन लोग कुछ ना कुछ खरीदारी करनी चाहिए. खाततौर पर अक्षय तृतीया के दिन धातु की चीजों को खरीदने का महत्व है.

कल भी की जा सकती है खरीदारी

अक्षय तृतीया 15 मई की सुबह 07 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. इसलिए इस दिन भी सुबह 05 बजकर 30 मिनट से 07 बजकर 59 मिनट तक सोने की खरीदारी के लिए शुभ समय रहेगा.

अक्षय तृतीया के दिन पौधरोपण करने से मिलता है पुण्य

अक्षय तृतीया के दिन पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेने वाले और पीपल, आम, पाकड़, गूलर, बरगद, आंवला, बेल, जामुन, नीम व अन्य फलदार पौधे लगाने से सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन लगाए गए पौधे जिस तरह से हरे-भरे होकर पल्लवित-पुष्पित होते हैं, उसी प्रकार इस दिन पौधरोपण करने वाला व्यक्ति भी प्रगति पथ की ओर अग्रसर होकर अनंत पुण्यों का भागी हो जाता है.

जानें अक्षय तृतीया का दिन क्यों होता है खास

अक्षय तृतीया एक ऐसी तिथि है जिसमें कोई भी शुभ कार्य करने के लिए शुभ रहता है. इस दिन कोई नयी वस्तु की खरीदारी के लिए पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त निकालने की जरूरत नहीं पड़ती है. मान्यता है कि इस दिन पितृ पक्ष में किये गए पिंडदान का अक्षय परिणाम मिलता है.

अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें...

  • मान्यता है सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत अक्षय तृतीया की तिथि पर हुई थी.

  • अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम भगवान का जन्म हुआ था.

  • अक्षय तृतीया की पावन तिथि पर ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था.

  • अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास जी ने महाभारत ग्रंथ लिखना आरंभ किया.

  • बदरीनाथ धाम के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं.

  • अक्षय तृतीया पर वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं.

अक्षय तृतीया पर करें पुण्य का निवेश

ग्रहों की इस शुभ स्थिति में अबकी बार अक्षय तृतीया पर स्थायी संपत्ति में निवेश करने फलदायी रहेगा. जमीन, मकान की खरीदारी करना शुभ अक्षय तृतीया पर शुभ रहेगा. इस दिन आप नए कारोबार आरंभ कर सकते हैं. इसके साथ ही जो लोग धन का निवेश निवेश करना चाहते हैं उनके लिए भी दिन उत्तम है.

अक्षय तृतीया पर दान पुण्य का महत्व

इस बार ग्रहों के संयोग को देखते हुए अक्षय तृतीया पर जल से भरा हुआ घड़ा, शक्कर, गुड़, बर्फी, सफेद वस्त्र, नमक, शरबत, चावल, चांदी का दान करना बेहद शुभ फलदायी रहेगा. अक्षय तृतीया के दिन नए संवत्सर के पंचांग और धार्मिक पुस्तकों और फलों का दान भी पुण्य की वृद्धि करने वाला होगा.

अक्षय तृतीया पर ग्रहों का संयोग

आज सूर्य राशि परिवर्तन करने जा रहे है. सूर्य आज मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य के राशि परिवर्तन से आज वृषभ राशि में सूर्य बुध के संयोग से बुधादित्य योग बनेगा. वहीं, आज शुक्र स्वराशि वृषभ में रहेंगे. इस पर शुभ संयोग यह भी बना है. इसके साथ ही आज चंद्रमा उच्च राशि होंगे. चंद्रमा की उच्च राशि वृषभ है.

मां लक्ष्मी की चरण पादुका

मां लक्ष्मी के चरण काफी शुभ माना जाता है. आप सोने या चांदी की पादुका खरीद सकते हैं और इसे ईशान कोण में रखें. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

अक्षय तृतीया को सोना खरीदना माना जाता है शुभ

अक्षय तृतीया पर खरीदारी करना शुभ माना गया है. इस दिन जिन चीजों की खरीदारी की जाती है वे अपना शुभ प्रभाव लेकर घर आती हैं. इसलिए लोग सोना-चांदी खरीदते हैं.

क्यों खास है अक्षय तृतीया का त्योहार

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी अक्षय तृतीया इस साल 14 मई, शुक्रवार को है. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का माना गया है. इस दिन अक्षय तृतीया पड़ने से ये दिन और खास हो जाता है.

कोरोना काल में ऐसे मनाएं अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया के पावन दिन खरीदारी करना शुभ होता है. इस दिन निवेश करना भी शुभ माना जाता है. इस बार कोरोना वायरस की वजह से घर में ही रहना सुरक्षित है, इसलिए खरीदारी करने के लिए बाहर न जाएं.

खास महत्व है अक्षय तृतीया का

अक्षय तृतीया का बहुत अधिक महत्व होता है. इस बार 14 मई, 2021 शुक्रवार को अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाएगा. अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस बार अक्षय तृतीया पर शुभ योग बनने जा रहा है.

इस दिन करें दान- पुण्य

अक्षय तृतीया के दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व होता है .इस दिन दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान जरूर करें.

शुभ फल की होगी प्राप्ती

वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं जिससे अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होगी. हालांकि इस साल भी अक्षय तृतीया के मुहूर्त में कोरोना का ग्रहण लगा है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर व्यक्ति घर पर ही दान पुण्य और जप-तप करे तो उसे शुभ फल की प्राप्ति होगी.

अक्षय तृतीया के दिन दान करने का महत्व

धर्म शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करने से धन-वैभव में वृद्धि होने लगती है. इसके पीछे की प्राचीन कथा के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन भगवान शिव से कुबेर को धन मिला था और इसी खास दिन भगवान शिव ने माता लक्ष्मी को धन की देवी का आशीर्वाद भी दिया था. यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन सिर्फ खरीदना ही नहीं बल्कि दान करना भी शुभ फलदायी माना जाता है.

अबूझ मुहूर्त होने के कारण हो सकते हैं हर शुभ कार्य

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ और खास माना जाता है. इस दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण हर तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

अक्षय तृतीया के दिन क्यों की जाती है सोने की खरीदारी ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन शुरू किया जाने वाला कार्य सफल होता है. इतना ही नहीं इस दिन जितने भौतिक संसाधन जुटाए जाएं, वह हमेशा बने रहते हैं. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन लोग नए काम की शुरुआत करने के साथ ही बर्तन, सोना, चांदी और अन्य कीमतीं वस्तुओं की खरीदारी करते हैं.

अक्षय तृतीया के दिन क्यों खरीदते हैं सोना?

ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्यों का फल कई गुना प्राप्त होता है. साथ ही यह भी मान्यता है कि इस दिन जो भी धातु खरीदी जाती है वह भविष्य में कई गुणा आगे बढ़ती है . यही कारण है कि इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है.

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

  • अक्षय तृतीया की तिथि- 14 मई 2021 दिन शुक्रवार

  • तृतीया तिथि प्रारंभ- 14 मई को सुबह 5:38 बजे से

  • तृतीया तिथि समाप्त- 15 मई को सुबह 07:59 बजे तक.

  • इस दौरान आप सभी तरह के शुभ कार्य कर सकते हैं.

अक्षय तृतीया के दिन ये काम जरूर करें

अक्षय तृतीया के दिन ऐसे कार्य करें जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो. इस दिन पूजा उपासना ध्यान जरूर करें. अपने व्यवहार को मधुर बनाये रखें. सम्भव हो तो किसी व्यक्ति की सहायता करें. इस दिन कुछ न कुछ दान जरूर करें. लोगों को जल पिलाएं और पौधों में जल डालें.

अक्षय तृतीया की सरल पूजा विधि

सुबह घर में शीतल जल से स्नान करें. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. इसके बाद उन्हें सफेद फूल अर्पित करें. फिर मंत्रों का जाप करें और कुछ दान का संकल्प करें.

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 05 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक

अवधि 06 घण्टे 40 मिनट

अक्षय तृतीया तिथि प्रारम्भ 14 मई 2021 की सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर

अक्षय तृतीया तिथि समाप्त 15 मई 2021 की सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर

अक्षय तृतीया पर इन चीजों का कर सकते हैं दान

अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस दिन दन-पुण्य करने पर जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस दिन जल से भरा घड़ा, शक्कर, बर्फी, सफेद वस्त्र, गुड़, नमक, शरबत, चांदी, चावल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन धार्मिक पुस्तकों और फलों का दान भी किया जा सकता है.

अक्षय तृतीया पर जरूर करें ये काम

  • अक्षय तृतीया के दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.

  • इसके बाद बाजार से 11 कौड़ियां लाकर इनका पूजन कर धन के स्थान में रख दें.

  • इस दिन सात्विक भोजन करें और कलह-कलेश से दूर रहें.

  • इस दिन जरूरतमंद की मदद जरूर करें.

  • इस दिन किये गये पुण्य कामों का फल कई गुना मिलता है.

  • इस दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए.

  • इस दिन आर्थिक तरक्की के लिए सोने या चांदी से बनी लक्ष्मी की चरण पादुका खरीदकर घर में रखें और इसकी नियमित पूजा करें.

अक्षय तृतीया मुहूर्त

  • अक्षय तृतीया तिथि: 14 मई 2021 दिन शुक्रवार

  • तृतीया तिथि आरंभ: 14 मई 2021 की सुबह 05 बजकर 38 मिनट

  • तृतीया तिथि समापन: 15 मई 2021 की सुबह 07 बजकर 59 मिनट

सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय 14 मई 2021 की सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 15 मई 2021 की सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक बना हुआ है. अवधि- 23 घण्टे 52 मिनट है.

अक्षय तृतीया से जुड़ी खास बातें

मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था. इसी दिन भगवान विष्णु के चरणों से धरती पर गंगा अवतरित हुई थीं. इसके अलावा अक्षय तृतीया से ही सतयुग, द्वापर और त्रेतायुग के आरंभ की गणना की गई है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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