अगले पांच महीने तक दूल्हा दुल्हन को करना होगा इंतजार, 21 जुलाई से 11 दिसंबर तक नहीं बजेगी शहनाई

औरंगाबाद सदर : शादियों में शहनाई की गूंज आगामी 21 जुलाई से बंद हो जायेगी.गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण पांच महीने तक शादी विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. ऐसे में जोड़ों को एक दूजे के साथ शादी के बंधन में बंधने के लिए लगभग पांच महीने का इंतजार करना होगा,क्योंकि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 10, 2018 1:07 AM
औरंगाबाद सदर : शादियों में शहनाई की गूंज आगामी 21 जुलाई से बंद हो जायेगी.गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण पांच महीने तक शादी विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य बंद रहेंगे.
ऐसे में जोड़ों को एक दूजे के साथ शादी के बंधन में बंधने के लिए लगभग पांच महीने का इंतजार करना होगा,क्योंकि इस बार देवोत्थान एकादशी पर भी शहनाई की धुन नहीं गूंजेगी. ज्योतिषियों की मानें तो 11 दिसंबर के बाद ही शादी-विवाह का योग बन रहा है.11 दिसंबर के बाद मार्च तक शादी विवाह खूब होगी.
मांगलिक कार्य रहेंगे वर्जित : हिंदू विवाह पद्धति के अनुसार कार्तिक माह की देवोत्थान एकादशी से शुभ विवाह के मुहूर्त शुरू हो जाते हैं. इसके बाद आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि तक शादियां होती हैं. वर्ष के इस अंतिम मांगलिक कार्य के चरण को भदड़िया नवमी भी कहते हैं. इस बार भदड़िया नवमी 21 जुलाई को है. इस दिन तक शादी की धूम रहेगी और इसके बाद मांगलिक कार्य वर्जित हो जायेंगे.
23 जुलाई को देव शयन एकादशी है. ज्योतिषियों की मानें तो देवताओं का शयन शुरू होने के बाद मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं और इसी कारणवश इस दौरान शादी-विवाह नहीं होते हैं. इस बार देवोत्थान एकादशी पर शादी विवाह नहीं हो सकेगा. इसके पीछे गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण बताये जा रहे हैं. इस बार चार माह के बाद 19 नवंबर को देवोत्थान एकादशी पड़ रही है, लेकिन शुक्र और गुरु के अस्त रहने के कारण शादी-विवाह का योग नहीं बन रहा है.
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
सनातन धर्म के अनुसार गुरु और शुक्र के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्य इन पांच महीनों तक वर्जित रहेंगे. हालांकि इस दौरान रिश्ता तय और सगाई की जा सकती है.
पंडित कमल किशोर

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