नई दिल्ली : दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेला 2023 में शनिवार को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से प्रकाशित किताब 'पत्रकारिता-सर्जनात्मक लेखन और रचना प्रक्रिया' का लोकार्पण किया गया. इस किताब के लेखक अरुण कुमार भगत हैं. यह इनकी 26वीं किताब है. यह किताब पत्रकारिता में लेखनी विषय से जुड़ी है. पत्रकारिता में रचनात्मक लेखन पर आधारित यह किताब बेहतरीन सामग्री उपलब्ध कराती है. इस पुस्तक में लेखनी की विधाओं को संकलित किया गया है. पत्रकारिता क्षेत्र में काम करने वाले पत्रकार और छात्रों के लिए यह पुस्तक काफी मददगार साबित होगी.
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है उपयोगी
इस पुस्तक में पत्रकारिता में आलेख, फीचर, रिपोर्ट, संस्मरण, यात्रा वृत्तांत, व्यंग्य, संपादकीय लेखन, स्तंभ लेखन, संपादक के नाम पत्र यानी पाठकीय, रेखाचित्र और समीक्षा के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की तरफ से प्रकाशित इस 272 पन्नों की पुस्तक की कीमत 355 रुपये है. यह पुस्तक हिंदी साहित्य औऱ पत्रकारिता के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी काफी उपयोगी है.
प्रो बीके कुठियाला समेत कई हस्तियां हुईं शामिल
पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई. किताब का लोकार्पण मुख्य अतिथि प्रो. बी. के. कुठियाला ने किया. कुठियाला ने कहा कि यह पुस्तक पत्रकारिता के छात्रों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर भगत को एकेडमिक के मकसद से सोशल मीडिया में आ रहे नए ट्रेंड और टेक्नोलॉजी के बारे में भी एक पुस्तक लिखनी चाहिए.
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली के पूर्व कुलपति और सदस्य सचिव प्रो सच्चितानंद जोशी भी मौजूद रहे. जोशी ने कहा कि यह पुस्तक न सिर्फ पत्रकारों, शिक्षकों के लिए उपयोगी है, बल्कि हर एक व्यक्ति को इसे जरूर पढ़ना चाहिए. लोकार्पण कार्यक्रम में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा, मुख्य वक्ता के तौर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. अवनिजेश अवस्थी ने भी हिस्सा लिया. लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन बीएचयू, वाराणसी के सहायक प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार ज्योति ने किया.
वक्ताओं ने विचार प्रकट किए
वक्ताओं ने आज की पत्रकारिता पर अपने विचार प्रकट किए. उनका कहना है कि आज सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी ने काफी कुछ बदल कर रख दिया है. वक्ताओं ने इस किताब को एकेडमिक पुस्तक बताया. वक्ताओं ने लेखक और प्रकाशक दोनों को साधुवाद दिया. प्रोफेसर अवनिजेश अवस्थी ने कहा कि आज के समय में खबरों का निहितार्थ समझना बहुत जरूरी है. डॉ. अविनाश कुमार ने कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया.
कौन हैं अरुण कमार भगत
अरुण कमार भगत हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हैं. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है. इतना ही नहीं, अरुण कुमार भगत बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के सदस्य भी हैं. इससे पहले वह राष्ट्रीय अखबार हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक भास्कर और दिव्य हिमाचल में कार्य करने के बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, नोएडा कैम्पस से साल 2005 में अध्यापन से जुड़े और साल 2019 के मध्य तक इसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर कार्य किया.
भगत साहित्य अकादमी सहित अग्रणी राष्ट्रीय और प्रांतीय संस्थानों के भी सदस्य हैं. साथ ही वह इंडियन काउंसिल फॉर सोशल साइंस रिसर्च, भारत सरकार की एक बड़ी परियोजना के परियोजना निदेशक भी हैं. इन्हें उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के भाषा मित्र सम्मान सहित कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं. बीपीएससी के सदस्य होने से पहले अरुण कुमार भगत महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष और डीन के पद पर कार्यरत थे.