पलामू, राकेश पाठक-सैकत चटर्जी : पलामू जिले के मेदिनीनगर नगर निगम के प्रयास से लोगों को इस बार हर्बल गुलाल से होली खेलने का मौका मिलेगा. इसके लिए नगर निगम ने होली से काफी पहले से ही एक प्लानिंग के तहत काम कर रही थी, जिसका रिजल्ट अब देखने को मिल रहा है. पिछली बार होली में इसका मॉडल प्रयोग किया गया था, जो काफी सफल रहा था. पिछली बार छोटे स्तर पर किया गया प्रयोग सफल रहने के बाद इस बार होली में 50 क्विंटल हर्बल गुलाल उत्पादन का लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.
हर्बल गुलाल बनाने के काम में निगम द्वारा गठित करीब 12 महिला स्वयं सहायता समूह की 35 दीदियां लगी हुई है. सरकारी बस स्टैंड स्थित निगम के भवन में दिन भर में करीब आठ से 10 घंटा ये दीदियां गुलाल बनाने का काम कर रही है. हर किसी के जिम्मे अलग-अलग काम दिया गया है. हर्बल गुलाल बनाने से पहले उन्हें पलामू के कुंदरी स्थित गुलाल उत्पादन केंद्र में प्रशिक्षण दिया गया था. अब ये दीदियां खुद से ही गुलाल बनाने लग गयी है. इसके लिए छह माह पहले से ही प्लानिंग की गयी थी.
दीदियों द्वारा बनाया जा रहा हर्बल गुलाल के लिए पलाश, गुलाब, गेंदा, चुकंदर, पालक साग आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले इन चीजों को धोकर साफ किया जाता है, फिर सुखाकर, अलग-अलग कूटकर मिक्सी में पिसा जाता है. उसके बाद इन्हें महीन सूती कपड़े में डाल कर छाना जाता है. सुगंध के लिए अलग से चंदन, केवड़ा, गुलाब आदि का जल मिलाया जाता है. गुलाल तैयार होने के बाद इसको वजन कर अलग-अलग पैकेट बनाया जाता है. पलाश के फूल से नारंगी गुलाल, गुलाब के फूल से गुलाबी गुलाब, चुकंदर से लाल गुलाल, गेंदा के फूल से पीला गुलाल और पालक साग से हरा गुलाल तैयार किया जा रहा है. इनके साथ बेस के रूप में अरारोट पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा है. बाजार में इसकी कीमत 20 रुपये से 300 रुपये तक की है, जो अलग-अलग पैकेट में उपलब्ध है.
जैसे-जैसे होली नजदीक आ रही है वैसे-वैसे दीदियों द्वारा बनाया जा रहा हर्बल गुलाल की मांग भी तेज हो रही है. इनके द्वारा बनाया जा रहा दीदी प्रोडक्ट हर्बल गुलाल बाजार में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई है. इससे दीदियों में गजब का उत्साह है. ये दिनभर में आठ से 10 घंटे काम कर रही है. अभी तक करीब 25 क्विंटल गुलाल बनाकर बाजार में भेजा जा चुका है. विभिन्न दुकानों के अलावा मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के छह अलग अलग चौक चौराहों में निगम द्वारा स्टॉल लगाया गया है जिसमे से दीदियां खुद ही हर्बल गुलाल बेच रही है. उम्मीद किया जा रहा है की होली तक 50 क्विंटल गुलाल की खपत हो जाएगी.
हर्बल गुलाल बना रही दीदियों को पहले अपने घर का चौखट लांघने ले लिए कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा. किसी के घर वालो ने साथ नहीं दिया तो किसी को पड़ोस के लोगो का तना सुनना पड़ा. फिर भी दीदियां हिम्मत नहीं हारी. निगम के मदद से मिले गाइडलाइन के अनुसार खुद से 20 - 20 रुपये जोड़ कर स्वयं सहायता ग्रुप बनायी. प्रशिक्षण की और फिर गुलाल बनाना शुरू किया. ऐसी ही एक दीदी रश्मि देवी ने बताया कि पहले हमलोगों ने खूब ताना सुना. अब हम जवाब देने के लिए तैयार हैं. अब जब बाजार में हमलोगों के बनाये गुलाल की मांग है.
गुलाल बनाने के लिए निगम की सीआरपी सावित्री और सुनीता ने एक-एक कर महिलाओं को इससे जोड़ा. इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करना पड़ा. दोनों ने प्रभात खबर से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि गुलाल में एक दिन में रंग नहीं चढ़ता. इसके लिए काफी मेहनत करना पड़ता है. अभी भी सावित्री और सुनीता की देखरेख में हर्बल गुलाल बनने का काम जारी है. हर तरफ इनकी पैनी नजर रहती है. साफ-सफाई को लेकर भी ये सतर्क रहते हैं. गुलाल बनाते समय सभी दीदियां मास्क, गलब्स आदि इस्तेमाल करती है.
आज दीदियां जो हर्बल गुलाल उत्पादन कर रही है उसमें निगम के सिटी मिशन मैनेजर अभिषेक कुमार और राजन कुमार का भी अहम योगदान है. इनलोगों ने दीदियों को प्रोत्साहित कर उनका समूह बनाने में मदद किया. बैंक खाता खुलवाने में परेशानी हुई, तो वहां भी साथ खड़े रहे. गुलाल उत्पादन कैसे हो इसका ट्रेनिंग दिलवाया. आज जब प्रोडक्शन होने लगा, तो ये बाजार उपलब्ध करवाने में भी योगदान दे रहे हैं. इस बार निगम की मेयर अरुणा शंकर सहित सभी पार्षद एवं पदाधिकारी इसी हर्बल गुलाल से होली मनाएंगे.
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