सुप्रीम कोर्ट का सुझाव

अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से आपस में बातचीत कर मामले को सुलझाने का जो सुझाव दिया है, वह सराहनीय और व्यावहारिक है. चूंकि दोनों पक्षों के लिए यह धर्म, आस्था और विश्वास का मामला है, जो इस एक संवेदनशील विषय है. मुख्य न्यायाधीश द्वारा मध्यस्थता का सुझाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 24, 2017 6:08 AM
अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से आपस में बातचीत कर मामले को सुलझाने का जो सुझाव दिया है, वह सराहनीय और व्यावहारिक है. चूंकि दोनों पक्षों के लिए यह धर्म, आस्था और विश्वास का मामला है, जो इस एक संवेदनशील विषय है.
मुख्य न्यायाधीश द्वारा मध्यस्थता का सुझाव भी एक स्वागत योग्य विकल्प है, जो दोनों पक्षों द्वारा विचार करने योग्य भी है. यदि सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थ का काम करे, तो इस विषय में कानूनी पक्ष भी शामिल हो जायेगा, जिससे मामले को सुलझाने में मदद मिल सकती है. दोनों पक्ष चाहें तो विवादित भूमि पर कोई स्कूल या अस्पताल बना दिया जाये और मंदिर तथा मसजिद किसी दूसरी जगह पर स्थापित किया जाये.
डॉ. प्रभात कुमार, जयपुर

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